विश्‍व मधुमेह दिवस पर बीटो ने भौतिक क्लीनिक सहयोग में प्रवेश किया

विश्‍व मधुमेह दिवस पर बीटो ने भौतिक क्लीनिक सहयोग में प्रवेश किया

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। मधुमेह नियंत्रण और उपचार पर ध्यान केंद्रित करने वाले भारत के अग्रणी डिजिटल स्वास्थ्य मंच बीटओ ने मंगलवार को घोषणा की कि वह कई सूक्ष्म बाजारों में अग्रणी डॉक्टरों के साथ सहयोग करके भौतिक टचप्वाइंट लॉन्च करेगा।

यह कदम बीटो को भारत के अग्रणी “फिजिटल” मधुमेह देखभाल प्रदाता के रूप में स्थापित करने के लिए तैयार है, जो भौतिक और डिजिटल दोनों दुनिया के सर्वोत्तम संयोजन का संयोजन करेगा।

मंगलवार को विश्‍व मधुमेह दिवस के अवसर पर दिल्ली-एनसीआर में पांच ऐसे क्लीनिकों के शुभारंभ के साथ बीटओ जल्द ही अगले छह महीनों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा के प्रमुख शहरों को कवर करेगा।

बीटो ऐप बनाने के बाद, जो बीस लाख से ज्‍यादा मधुमेह उपयोगकर्ताओं को उत्पादों और डिजिटल सेवाओं (संरचित मधुमेह नियंत्रण और छूट कार्यक्रमों सहित) के साथ सशक्त बनाता है, बीटो उन रोगियों के लिए उपलब्ध विकल्पों की सीमा को बढ़ाकर एक कदम आगे बढ़ा रहा है, जिन्हें मधुमेह नियंत्रण और उपचार आहार में शारीरिक टचप्वाइंट की जरूरत होती है।

ये क्लीनिक जांच और नैदानिक सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला भी प्रदान करेंगे, जिससे बीटओ भौतिक और आभासी दोनों सेटिंग में मरीजों को 360 डिग्री तक कवर करने में सक्षम होगा।

अपेक्षाकृत जटिल परिस्थितियों वाले रोगियों को शामिल करते समय एक भौतिक दृष्टिकोण विशेष रूप से उपयोगी होगा, जहां एक भौतिक दौरे के बाद डिजिटल परामर्श के साथ व्यापक, सुविधाजनक और सक्रिय देखभाल सुनिश्चित की जा सकती है।

साथ ही, बीटओ कस्टम-निर्मित फ्रंट-एंड और बैक-एंड प्रौद्योगिकी समाधानों को तैनात करके और सहयोगी अनुसंधान और प्रकाशनों के अवसर पैदा करके नेटवर्क प्रथाओं में मूल्य जोड़ देगा।

इसके अलावा, बीटओ और ये सहयोगी प्रथाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से स्थानीय शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाएंगे।

“हमारा प्राथमिक लक्ष्य रोगी देखभाल का एक मानक स्थापित करना है, जो चिकित्सकीय रूप से संचालित, सुलभ और किफायती हो। हमने पहले ही डिजिटल माध्यमों से अपने उपयोगकर्ताओं के जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।”

बीटओ के संस्थापक और सीईओ गौतम चोपड़ा ने सहयोगात्मक दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह पहल अगला कदम है और हमारी रोगी आबादी की सेवा करने की हमारी क्षमताओं को और गहरा करेगी। साथ ही, हम लचीली मानसिकता के साथ अपने साझेदार क्लीनिकों में मूल्य जोड़ने का प्रयास करेंगे।”

असाधारण मधुमेह देखभाल प्रदान करने के लिए बीटओ की प्रतिबद्धता उनके सकारात्मक नैदानिक ​​परिणामों में परिलक्षित होती है, जिसमें केवल तीन महीनों में औसतन अनुमानित एचबीए1सी में 2.16 प्रतिशत की कमी और हाइपोग्लाइकेमिक एपिसोड में 81 प्रतिशत की कमी और कोलेस्ट्रॉल का स्तर में 15 मिलीग्राम/डीएल से अधिक की कमी शामिल है।

ये नतीजे बीटो के चिकित्सकीय नेतृत्व वाले दृष्टिकोण की प्रभावशीलता को रेखांकित करते हैं, जिसमें उनके नेटवर्क में अग्रणी मधुमेह विशेषज्ञ शामिल हैं।

बीटो के मुख्य नैदानिक अधिकारी डॉ. नवनीत अग्रवाल ने कहा, “हम मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित हैं। हमारा अभिनव और प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण और ऑफ़लाइन क्लीनिकों के साथ सहयोगात्मक साझेदारी व्यापक और उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करने में सहायक है, जो भारत में मधुमेह द्वारा प्रस्तुत बड़ी चुनौती से निपटने के लिए एक जरूरत है।“

बीटो का लक्ष्य है अगले छह महीनों में देशभर में 100 से अधिक ऐसे क्लिनिक टचप्वाइंट स्थापित करना, अपने फ़िजिटल मधुमेह देखभाल मॉडल का विस्तार करना और सुलभ और किफायती मधुमेह प्रबंधन के लिए नए मानक स्थापित करना।

अपने व्यक्तिगत और किफायती मधुमेह देखभाल कार्यक्रमों, उपयोग में आसान स्मार्टफोन ऐप, वर्चुअल ओपीडी और ग्लूकोमीटर की एक श्रृंखला के साथ बीटो ने वास्तव में और सफलतापूर्वक मधुमेह देखभाल को अधिक सुलभ और किफायती बना दिया है।

–आईएएनएस

एसजीके

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