2016 के दस्तावेज में हमास के हमले की 'गंभीर चेतावनी' का था जिक्र

2016 के दस्तावेज में हमास के हमले की 'गंभीर चेतावनी' का था जिक्र

तेल अवीव, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। 2016 में तत्कालीन इजरायली रक्षा मंत्री एविग्डोर लिबरमैन ने 11 पेज के एक दस्तावेज का मसौदा तैयार किया था, जिसमें गाजा सीमा पर हमला, दक्षिणी इजरायल में समुदायों पर कब्ज़ा, नरसंहार करने और बंधक बनाने की हमास की योजना की चेतावनी दी गई थी।

कई मीडिया रिपोर्टों के जरिए यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। दस्तावेज के कुछ हिस्से सोमवार को येदिओथ अह्रोनोथ दैनिक ने प्रकाशित किए थे।

इससे 7 अक्टूबर के हमले के कई तत्वों का भयावह रूप से पूर्वाभास देने का पता चला है। दस्तावेज यह भी इंगित करता है कि इजरायली अधिकारियों को कई वर्षों से ऐसे हमास हमले की संभावना के बारे में पता था।

लेकिन, उन्होंने जाहिर तौर पर ऐसा नहीं किया। टाइम्स ऑफ इजरायल ने बताया कि चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया गया।

7 अक्टूबर की सुबह लगभग 2,500 आतंकवादियों ने जमीन, समुद्र और हवा के रास्ते इजरायल में घुसकर 1,400 से अधिक लोगों को मार डाला। हमास और सहयोगी आतंकवादी गुटों ने कम से कम 239 बंधकों, लगभग 30 बच्चे शामिल, को अगवा कर लिया और गाजा ले गए। जहां अभी भी बंधक हैं।

टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, लिबरमैन ने दस्तावेज़ में लिखा था, जिसे ‘अत्यंत गुप्त’ करार दिया गया था, “हमास गाजा सीमा पर इजरायली समुदाय (या शायद कई समुदायों) पर कब्जा करने की कोशिश करने के लिए इजरायल में बड़ी संख्या में अच्छी तरह से प्रशिक्षित बलों (उदाहरण के लिए नुखबा – कमांडो – की तरह) को भेजकर अगवा करने और बंधक बनाने का इरादा रखता है।”

“इससे लोगों को शारीरिक के अलावा इजरायल के नागरिकों के मनोबल और भावनाओं को भी महत्वपूर्ण नुकसान होगा।”

शनिवार को एक साक्षात्कार में लिबरमैन ने दस्तावेज का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने इसे दिसंबर 2016 में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दिया था, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि अगर हमास की क्षमताओं को नष्ट नहीं किया गया तो हमास “ठीक उसी तरह” हमला करेगा, जिस तरह से उसने 7 अक्टूबर को किया था।

लिबरमैन ने बेनी गैंट्ज और उनकी पार्टी के विपरीत अब तक नेतन्याहू के युद्ध मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू को कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे को उठाने के लिए राजी करना पड़ा, जहां सुरक्षा प्रमुखों सहित अन्य ने दस्तावेज को “ख़ारिज कर दिया” था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे प्रस्तुत करने के लिए उन्हें “अहंकारी” महसूस कराया गया।

–आईएएनएस

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