आधिकारिक दावों के बावजूद नोएडा-ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई ऊपर, बीमारियों का मौसम शुरू

आधिकारिक दावों के बावजूद नोएडा-ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई ऊपर, बीमारियों का मौसम शुरू

नोएडा, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा अगर प्रदूषण का आंकड़ा बढ़ा है तो वह ग्रेटर नोएडा का है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सबसे ज्यादा प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर 300 के पार चला गया है। आने वाले दिनों में माना जा रहा है कि यह आंकड़ा 400 के पार पहुंच जाएगा तब लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ महसूस होगी।

अब सुबह से ही नोएडा- ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में धुंध की एक चादर देखने को मिलने लगी है। प्रशासन चाहे लाख बड़े-बड़े दावे और वादे करे लेकिन हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है। जब तेज हवा चलती है या बरसात होती है तभी हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। एक्यूआई काफी कम हो जाता है लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रशासन के दावे और वादे पूरी तरीके से खोखले साबित होते हैं, क्योंकि एक्यूआई लाल निशान के पार ही रहता है।

प्रदूषण विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में वायु प्रदूषण से राहत मिलने की फिलहाल उम्मीद नहीं है। अधिकारियों ने चिंता जताई है कि एक्यूआई 400 के पार पहुंचाने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि महज एक हफ्ते पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा की आवोहवा काफी बेहतर थी। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई यलो जोन और नोएडा का एक्यूआई ग्रीन जोन में था। लेकिन बीते कुछ दिनों में दोनों शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। ग्रेप लागू होने के बावजूद भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ते एक्यूआई के आंकड़े पर लगाम नहीं लग पा रही है।

नोएडा में अब सुबह से लेकर दोपहर तक धुंध छाई रहती है। उम्मीद यह की जा रही है कि तेज हवा चलने के बाद दोपहर तक यह धुंध वातावरण से हट सकेगी। ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। सड़कों पर धूल उड़ रही है। जबकि जगह-जगह कूड़ा भी जलाया जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार रोकथाम के उपाय नहीं कर रहे हैं।

नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण से बचाव के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट साइट पर 67 एंटी स्मॉग गन लगाई हैं। प्राधिकरण के मुताबिक 27 वॉटर स्प्रिंकर्लस मशीनों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा रोजाना औसतन 20 किलो धूल सड़क से हटाई जा रही है। वहीं 12 मैकेनिक स्विपिंग मशीनों से रोजाना 340 किलोमीटर सड़कों की सफाई हो रही है। नोएडा के सेक्टर 16ए में लगाए गए एंटी स्मॉग टावर शुरू किया गया है। ये टावर 1 वर्ग किलोमीटर तक के इलाके को प्रदूषण से मुक्त करेगा और 65 से लेकर 80 प्रतिशत तक यह पीएम2.5 और पीएम10 के कणों को साफ करेगा। इसके साथ ही साथ जिले में 11 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं, जहां विशेष अभियान चलाया जाएगा।

इस एंटी स्मॉग टावर को सेक्टर-16ए की ग्रीन बेल्ट में 400 वर्गमीटर जमीन पर डीएनडी के पास स्थापित किया गया है। यह टावर एक वर्ग किमी की परिधि में प्रदूषित वायु को शुद्ध करेगा।

दरअसल, सर्दी बढ़ने के साथ सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड एवं कार्बन मानो ऑक्साइड प्रदूषित करते हैं। दावा किया गया था कि टावर इन प्रदूषित गैस पर भी असरदार है। जिले के 11 हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जिनमें यमुना पुश्ता रोड, सेक्टर-115, 116, 74 से 79, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, सेक्टर-150, दादरी रोड, सेक्टर-62 से 104, सेक्टर-62, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, यूपीएसआईडी, सूरजपुर साइट सी, तिलपता, परी चौक, कासना, पुलिस लाइन सूरजपुर से गौर चौक शामिल हैं।

प्राधिकरण ने 20 मामलों में प्रदूषण फैलाने पर 9.15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा प्राधिकरण के मुताबिक 458 टन निर्माण मलबे का उठान किया गया है। नोएडा प्राधिकरण की ओर से 14 टीम वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभिन्न निर्माण परियोजनाओं, मार्गों व खुले क्षेत्र का निरीक्षण कर रही हैं। जिन निर्माण स्थलों पर निर्माण सामग्री को ढककर पानी का छिड़काव व निर्माण स्थलों के चारों ओर मेट्रो ग्रीन कारपेट नहीं पाया जा रहा है उसे पर ग्रेप की गाइडलाइंस के तहत एनजीटी के मानकों के आधार पर आर्थिक दंड लगाया जा रहा है।

–आईएएनएस

पीकेटी/एसकेपी

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