धर्म की नगरी में आज मंदिर के कपाट बंद हुए,दोपहर में हुई मां गंगा की आरती

धर्म की नगरी में आज मंदिर के कपाट बंद हुए,दोपहर में हुई मां गंगा की आरती

वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में शनिवार को नित्य संध्या होने वाली मां गंगा की आरती दोपहर में की गई। वही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिया गया। श्रद्धालुओं को मायूस होकर मंदिरों से लौटना पड़ रहा है। इसकी वजह देर रात लगने वाले चंद्रग्रहण है। चंद्रग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल की वजह से बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को छोड़ सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए है। वही विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती भी सूतक काल से पहले दोपहर में ही संपन्न करवाया गया। यह 32 साल में चौथी बार है जब गंगा आरती दोपहर में किया गया।

वर्ष के आखिरी ग्रहण की वजह से बदला आरती का समय, सूतक में बन हुआ मंदिर

वाराणसी के गंगा तट पर होने वाली मां गंगा की आरती दोपहर में किए जाने को लेकर जय मां गंगा सेवा समिति के सदस्य विकास पांडे ने बताया कि रविवार की रात लगने वाले चंद्रग्रहण 1:05 बजे से 2:23 मिनट तक रहेगा। ऐसे में ग्रहण से 9 घंटे पहले शनिवार की शाम 4 बजे सूतक काल होता है। धार्मिक मान्यता है कि सूतक काल में किसी प्रकार का अनुष्ठान और शुभ कार्य के साथ धार्मिक पूजन नही किया जाता है। यही वजह है, कि मां गंगा की नित्य संध्या होने वाली आरती को शनिवार की दोपहर को किया गया। वही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए है।

सूतक काल नही होता देव विग्रह का स्पर्श, मंदिर बंद होने से मायूस हुए श्रद्धालु

काशी के मंदिर के कपाट बंद होने की वजह से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु मायूसी है। श्रद्धालु मंदिर के कपाट बंद होने के वजह से श्रद्धालु मंदिर के बाहर ही अपने आराध्य देव की अराधना कर वापस लौट रहे है। काशी के तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्रा ने बताया कि सूतक काल में देव विग्रह का स्पर्श और दर्शन नही किया जाता है। यही वजह है, कि काशी के सभी मंदिरों के कपाट को बंद कर दिया गया है।

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