केपीआर मिल्स के प्रमुख के.पी. रामासामी अपने कर्मचारियों को उच्च अध्ययन के लिए करते हैं प्रोत्साहित 

केपीआर मिल्स के प्रमुख के.पी. रामासामी अपने कर्मचारियों को उच्च अध्ययन के लिए करते हैं प्रोत्साहित 

चेन्नई, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। केपीआर मिल्स लिमिटेड के प्रमुख को फोर्ब्स की भारत के 100 सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में जगह मिल गई है। चौहत्तर वर्षीय उद्योगपति के.पी. रामासामी अपने कर्मचारियों को उच्च अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

फोर्ब्स की सूची के अनुसार, रामासामी और उनके परिवार की संपत्ति 2.3 अरब डॉलर है।

बीएसई के मुताबिक, केपीआर मिल्स के अध्यक्ष रामास्वामी के पास सूचीबद्ध कंपनी में 21.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है और कंपनी के शेयर 750 रुपये के बैंड में हाथ बदल रहे हैं।

4,739 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली केपीआर मिल्स धागा, कपड़ा, परिधान और चीनी निर्माता भी बनाती है। कंपनी की पवन ऊर्जा क्षमता भी 61.92 मेगावाट है।

उनके और केपीआर मिल्स के बारे में दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से काम पर रखे गए अपने श्रमिकों को कंप्यूटर, प्रबंधन डिग्री, नर्सिंग, शिक्षक प्रशिक्षण और अन्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन दिया है।

कंपनी के अनुसार, लगभग 27,000 कर्मचारियों ने केपीआर मिल्स में कार्यरत रहते हुए उच्च शिक्षा पूरी की है और कुछ ने कंपनी छोड़ दी है और आईटी कंपनियों और अन्य में शामिल हो गए हैं।

उच्च शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए अन्नामलाई विश्‍वविद्यालय, अलगप्पा विश्वविद्यालय और तमिलनाडु मुक्त विश्‍वविद्यालय में गठजोड़ किया गया है।

रामासामी का मानना है कि छोटे गांवों में प्राथमिक शिक्षा के प्रति सरकार की पहल से लोगों में साक्षरता के प्रति जागरूकता पैदा होती है और उनके प्रयासों से उनके साक्षरता स्तर को स्नातक स्तर तक उन्नत करने में मदद मिलती है।

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान जब कई कंपनियों ने छंटनी, वेतन कटौती का सहारा लिया, तो केपीआर मिल्स ने अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया और उन्हें बरकरार रखा।

लॉकडाउन के बाद जब अन्य कारखानों को श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ा, केपीआर मिल्स पूरी गति से काम कर रही थी।

इरोड जिले के कल्लियामपुदुर गांव में एक कृषक परिवार में जन्मे रामासामी ने 1971 में 8,000 रुपये की उधार पूंजी के साथ पावरलूम कपड़ा निर्माता के रूप में उद्योग की शुरुआत की।

अपने भाइयों के साथ उन्होंने कपड़ा से लेकर चीनी, बिजली, ऑटोमोबाइल और शिक्षा तक अपना व्यवसाय बढ़ाया।

कपड़ों के निर्यात के अलावा, कंपनी का अपना मेन्स इनरवियर ब्रांड फासो भी है।

–आईएएनएस

एसजीके

E-Magazine