शर्म के चलते अनियंत्रित मूत्राशय गतिविधि जैसी समस्याओं का इलाज नहीं करा रही कई महिलाएं

शर्म के चलते अनियंत्रित मूत्राशय गतिविधि जैसी समस्याओं का इलाज नहीं करा रही कई महिलाएं

हैदराबाद, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। कई महिलाएं अनियंत्रित मूत्राशय की गतिविधि और पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। लेकिन, शर्म और शर्मिंदगी के कारण इलाज नहीं कराती हैं।

यूरोगायनेकोलॉजी पर एक शिखर सम्मेलन में डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर इलाज नहीं किया गया तो ये समस्याएं समय के साथ खराब हो सकती हैं।

शनिवार को शुरू हुए तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में यूरोगायनेकोलॉजी में मॉडर्न ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल पर फोकस किया गया।

इसमें विदेशी यूरोगायनेकोलॉजी एक्सपर्ट्स की भागीदारी शामिल रही, जिन्होंने ट्रीटमेंट में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पेश की।

किम्स हॉस्पिटल और यूरोगायनेकोलॉजी पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन एंड इनकॉन्टिनेंस एसोसिएशन (यूपीआईए) शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं।

डॉक्टर बताते हैं कि कई महिलाएं इन समस्याओं के लिए चिकित्सकीय सहायता लेने से बचती हैं क्योंकि अधिकांश यूरोलॉजिस्ट पुरुष हैं।

सौभाग्य से, यूरोगायनेकोलॉजी नामक एक सब-स्पेशलिटी है, जो प्रारंभिक चरण से ही इन समस्याओं का इलाज कर सकती है।

उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश समस्याओं का इलाज चिकित्सकीय रूप से किया जा सकता है और यदि आवश्यक हो तो सर्जरी भी उपलब्ध हैं। जबकि, लगभग 40 प्रतिशत भारतीय महिलाओं को ये समस्याएं हैं, फिर भी कई महिलाएं इलाज नहीं करा पाती हैं।

हालांकि, स्थिति में सुधार हो रहा है क्योंकि उपचार चाहने वाली महिलाओं की संख्या प्रति दिन केवल 2-3 मामलों से बढ़कर लगभग 20 प्रति दिन हो गई है।

डॉक्टरों की सलाह है कि जिन महिलाओं को खांसने या छींकने के दौरान पेशाब आने जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें तुरंत यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए।

कैडेवर सेशन उस्मानिया मेडिकल कॉलेज में हुआ, जहां डॉक्टरों को सर्जिकल प्रक्रियाओं में ट्रेंड किया गया। शिखर सम्मेलन में भारत और अन्य देशों के कई गायनोलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया और पीजी स्टूडेंट्स को भी भाग लेने का अवसर दिया गया।

शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने वाली तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरा राजन ने कहा कि कोई भी गायनोलॉजिस्ट को चुनौतियों का सामना करना नहीं सिखा सकता।

उन्होंने कहा, ”डॉक्टर समाज के लिए समर्पित हैं, फिर भी उनके प्रयासों को पूरी तरह से सराहा नहीं जाता है। जब भी मैं किम्स में सम्मेलनों में भाग लेती हूं तो मैं राष्ट्र और राज्य को उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा के स्तर से प्रभावित होती हूं और मैं डॉ. भास्कर राव की बहुत सराहना करती हूं।”

केआईएमएस अस्पताल में आयोजित शिखर सम्मेलन में सीएमडी डॉ. बी. भास्कर राव, शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. बलंबा और डॉ. नीना देसाई और आयोजन सचिव डॉ. अनुराधा कोदुरी ने भाग लिया।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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