संयुक्त राष्ट्र, 23 सितंबर (आईएएनएस)। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन और भू-राजनीतिक स्थिति के बारे में इस महीने नई दिल्ली में अपनाई गई जी20 नेताओं की घोषणा को “उद्देश्यपूर्ण” बताया है।
उन्होंने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मुझे लगता है कि उस शिखर सम्मेलन का पाठ उद्देश्यपूर्ण था, न केवल जब यूक्रेन की बात आती है, जिसका केवल एक बार उल्लेख किया गया है, बल्कि यह समग्र रूप से भू-राजनीतिक स्थिति के बारे में उद्देश्यपूर्ण था।”
घोषणा, जो भारत की सर्वसम्मति-निर्माण का परिणाम थी, में रूस का उल्लेख नहीं था, लेकिन इसमें ऐसे तत्व थे जिन्हें यूक्रेन में मास्को के कार्यों की आलोचना के रूप में देखा जा सकता था।
इसमें कहा गया है, “सभी राज्यों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप, सभी राज्यों को किसी भी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए।
घोषणापत्र में “यूक्रेन में युद्ध के मानवीय कष्टों और नकारात्मक प्रभावों पर भी प्रकाश डाला गया।”
लावरोव ने कहा कि जहां तक भू-राजनीति का सवाल है, इसमें कहा गया है कि “सभी संघर्षों पर विचार करने की जरूरत है, न कि केवल उन पर जिनमें किसी की विशिष्ट रुचि है।”
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, इसमें फिलिस्तीन की स्थिति का भी उल्लेख किया गया है।
लावरोव ने जी20 घोषणा की तुलना अन्य मंचों के निष्कर्ष दस्तावेजों से की जहां उन्होंने कहा कि पश्चिम ने मास्को की निंदा करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “उन्होंने रूस की निंदा करने के लिए निष्कर्ष दस्तावेजों की लगातार मांग करके सभी को पूरी तरह से थका दिया है।”
उन्होंने जी20 घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा, “पश्चिम दुनिया की सभी समस्याओं के लिए रूस और यूक्रेन में रूस के कार्यों को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहा है और वे इसमें सफल नहीं हो रहे हैं।”
लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र के कामकाज की आलोचना की और कहा कि माॅस्को संगठन को “स्थायी और वैध प्रकृति” बनाने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करता है।
उन्होंने काला सागर अनाज पहल को फिर से शुरू करने के महासचिव एंटोनियो गुतरेस के प्रस्ताव के साथ-साथ यूक्रेन द्वारा प्रस्तावित शांति योजना को खारिज कर दिया।
उन सुझावों पर कि रूस ने गुतरेस की योजना को “अस्वीकार” कर दिया है, लावरोव ने सख्त लहजे में कहा कि मॉस्को ने केवल यह कहा था कि बैंकिंग पर प्रतिबंधों के कारण अनाज निर्यात के लिए भुगतान प्राप्त करने में समस्याओं के मद्देनजर इसके कुछ तत्व अस्वीकार्य थे।
संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये की मध्यस्थता से हुए अनाज सौदे में नौसैनिक नाकाबंदी और युद्ध के बीच काला सागर के माध्यम से रूस और यूक्रेन से खाद्यान्न के निर्यात की अनुमति दी गई थी।
रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की द्वारा प्रस्तावित शांति योजना, जिसमें कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी सैनिकों की वापसी और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की बहाली शामिल है, अस्वीकार्य थी और युद्ध जारी रहेगा।
–आईएएनएस
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