वकीलों पर क्रूरता : 1 सितंबर को काम से गैरहाजिर रहने का पत्र जारी

वकीलों पर क्रूरता : 1 सितंबर को काम से गैरहाजिर रहने का पत्र जारी

नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। हाल ही में हापुड में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर किए गए हमले और बुधवार को गाजियाबाद की एक अदालत में एक वकील की दिनदहाड़े हत्या के मद्देनजर दिल्ली की सभी जिला अदालत बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति ने एक आदेश जारी किया है। सभी जिला बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष/सचिव को एक पत्र जिसमें 1 सितंबर को काम से दूर रहने के लिए गुरुवार को लिए गए सर्वसम्मत प्रस्ताव के लिए समर्थन व्यक्त किया गया है।

समन्वय समिति के अध्यक्ष नितिन अहलावत एवं महासचिव जीतेंद्र सोलंकी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है, “अधिवक्ताओं पर हाल ही में हुए क्रूर हमलों ने कानूनी समुदाय को सदमे में डाल दिया है। न्याय के सिद्धांतों और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए समर्पित व्यक्तियों के खिलाफ हिंसा के ऐसे कृत्यों को देखना निराशाजनक है।”

पत्र में कहा गया है कि ये घटनाएं न केवल अधिवक्ताओं की सुरक्षा और भलाई के लिए खतरा हैं, बल्कि हमारी कानूनी प्रणाली के सार को भी कमजोर करती हैं।

इसमें कहा गया है, “हमारा दृढ़ विश्वास है कि 1 सितंबर को काम से दूर रहने का हमारा निर्णय हापुड में हमारे सहयोगियों के साथ एकजुटता में एक शक्तिशाली बयान और न्याय के लिए एक आह्वान है।”

पत्र में कहा गया है कि यह उनका (अधिवक्ताओं का) कर्तव्य है कि वे ऐसे घृणित कृत्यों के खिलाफ खड़े हों और जिम्मेदार लोगों के लिए जवाबदेही की मांग करें।

इसमें कहा गया, ”हम अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम और दोषियों के खिलाफ समयबद्ध तरीके से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।”

पत्र में बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन, जागरूकता अभियान या किसी अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी कहा गया है, जो इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और हापुड़ में अपने साथी अधिवक्ताओं का समर्थन कर सकते हैं।

पत्र में कहा गया है, “आइए, हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपने संकल्प में एकजुट हों कि ऐसी घटनाओं की पूरी तरह से जांच की जाए और अपराधियों को तेजी से न्याय के कटघरे में लाया जाए। इस सामूहिक कार्रवाई को करके हम कानूनी पेशे के न्याय, अखंडता और एकजुटता के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं।”

“हमें विश्‍वास है कि हमारी एकजुट आवाज कानूनी समुदाय और उससे परे गूंजेगी, जिससे आवश्यक अधिकारियों को तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। आइए, हम परहेज के इस दिन को एक बदलाव लाने और एक मजबूत संदेश भेजने के अवसर के रूप में उपयोग करें।”

“एक साथ मिलकर, हम एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं और देश भर में अधिवक्ताओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।”

–आईएएनएस

एसजीके

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