नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब ने ‘कम्युनिटी गाइडलाइन्स’ का उल्लंघन करने के चलते जनवरी और मार्च 2023 के बीच भारत में अपने प्लेटफॉर्म से 1.9 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए हैं।
विश्व स्तर पर वीडियो-स्ट्रीमिंग जायंट ने नियम उल्लंघन के लिए 6.48 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए।
कंपनी ने इसी अवधि में 8.7 मिलियन से ज्यादा चैनलों को हटा दिया, जिन्हें यूट्यूब की स्पैम पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए समाप्त कर दिया गया था, जिनमें स्कैम, मिसलिडिंग मेटाडेटा या थंबनेल और वीडियो और कमेंट्स स्पैम शामिल थे, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं थे।
यूट्यूब ने 853 मिलियन से ज्यादा कमेंट्स भी हटा दिए, जिनमें से अधिकतर स्पैम थे।
यूट्यूब ने बुधवार को कहा, ”पिछले कुछ सालों में, हमने यूट्यूब कम्युनिटी की सुरक्षा के लिए आवश्यक पॉलिसी और प्रोडक्ट्स में भारी निवेश किया है। आज, ज्यादातर क्रिएटर्स विश्वास के साथ पॉलिसी के तहत कंटेंट अपलोड करते हैं। हमारा मानना है कि शैक्षिक प्रयास उन क्रिएटर्स की संख्या को कम करने में सफल हैं जो अनजाने में हमारी पॉलिसी का उल्लंघन करते हैं।”
कंपनी के अनुसार, यूट्यूब द्वारा हटाए गए 93 प्रतिशत से अधिक वीडियो पहले इंसानों के बजाय मशीनों द्वारा चिह्नित किए गए थे।
मशीनों द्वारा पहचाने गए वीडियो में से, 38 प्रतिशत को एक बार देखने से पहले ही हटा दिया गया था, और 31 प्रतिशत को हटाने से पहले एक से 10 बार देखा गया था।
2019 में, यूट्यूब ने पॉलिसी उल्लंघन के लिए चेतावनी देना शुरू कर दिया, जिससे क्रिएटर्स को कार्रवाई का सामना करने से पहले रिव्यू करने का मौका मिला कि क्या गलत हुआ।
चेतावनी प्राप्त करने वाले 80 प्रतिशत से अधिक क्रिएटर्स कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करते हैं।
इसके अलावा, यूट्यूब की सुरक्षा करने वाली पलिसी और सिस्टम को संरक्षित करने के लिए, कंपनी ने क्रिएटर्स के लिए ‘एजुकेशनल ट्रेनिंग कोर्स’ शुरू किया है।
यूट्यूब ने कहा, “आज से, क्रिएटर्स के पास कम्युनिटी गाइडलाइन्स संबंधी चेतावनी मिलने पर एजुकेशनल ट्रेनिंग कोर्स’ लेने का विकल्प होगा। ये रिसोर्सेज क्रिएटर्स को यह समझने के नए तरीके प्रदान करेंगे कि वे भविष्य में हमारी पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले कंटेंट अपलोड करने से कैसे बच सकते हैं।”
–आईएएनएस
पीके