जुर्माने का सामना कर रहे पीएसयू ने स्टॉक एक्सचेंजों से कहा, निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार सरकार के पास

जुर्माने का सामना कर रहे पीएसयू ने स्टॉक एक्सचेंजों से कहा, निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार सरकार के पास

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। जिन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) पर स्टॉक एक्सचेंजों ने जुर्माना लगाया है, उन्होंने उन्हें बताया है कि निदेशकों की नियुक्ति उनके नियंत्रण से बाहर है और यह अधिकार सरकार के पास है।

ओएनजीसी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दिए एक जवाब में कहा, “यह कहा गया है कि ओएनजीसी, एक सरकारी कंपनी होने के नाते निदेशक (स्वतंत्र निदेशक सहित) की नियुक्ति की शक्ति कंपनी के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन के अनुसार भारत सरकार (भारत सरकार) के पास है।”

ओएनजीसी ने कहा, कंपनी 04.05.2023 तक बोर्ड की संरचना का अनुपालन कर रही थी। दिनांक 01.07.2019 से निदेशक (मानव संसाधन) की नियुक्ति पर 05.05.2023, कैबिनेट की नियुक्ति समिति, भारत सरकार (जीओआई) द्वारा, अतिरिक्त स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति की आवश्यकता पत्र दिनांक 08.05.2023 के माध्यम से भारत सरकार (जीओआई) को प्रस्तुत की गई थी और उस पत्र की एक प्रति स्टॉक एक्सचेंज को भी दी गई थी।

ओएनजीसी ने कहा, “यह ध्यान दिया जा सकता है कि बोर्ड की संरचना के संबंध में गैर-अनुपालन न तो कंपनी द्वारा लापरवाही/चूक के कारण था और न ही कंपनी के प्रबंधन के नियंत्रण में था और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। भारत सरकार से कंपनी के बोर्ड में अपेक्षित संख्या में स्वतंत्र निदेशक के नामांकन के लिए अनुरोध किया गया है।”

ओएनजीसी ने कहा, चूंकि निदेशकों की नियुक्ति कंपनी के नियंत्रण से बाहर है, इसलिए लगाए गए जुर्माने को माफ करने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को अनुरोध पत्र सौंपे गए हैं।

इंडियन ऑयल ने कहा कि कंपनी को बीएसई लिमिटेड (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) से सेबी एलओडीआर के विनियमन 17 (1) के प्रावधान का अनुपालन न करने के संबंध में नोटिस मिला है, जिसमें एक महिला स्वतंत्र निदेशक नहीं है। 30 जून, 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी के बोर्ड ने इस तरह के गैर-अनुपालन के लिए बीएसई और एनएसई द्वारा प्रत्येक पर 5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया।

नोटिस के जवाब में इंडियन ऑयल ने बीएसई और एनएसई को बताया कि एक सरकारी कंपनी होने के नाते, निदेशकों (स्वतंत्र निदेशकों सहित) को नियुक्त करने की शक्ति MoP&NG, भारत सरकार के पास है और इसलिए बोर्ड में महिला स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति नहीं की जाती है। 30 जून, 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी की कोई लापरवाही/गलती नहीं हुई।

–आईएएनएस

एसजीके

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