बौद्धिक सहायता से उज्ज्वल होगा बर्फीले पठार का भविष्य

बौद्धिक सहायता से उज्ज्वल होगा बर्फीले पठार का भविष्य

बीजिंग, 31 जुलाई (आईएएनएस)। “तिब्बत को बौद्धिक सहायता देना” चीन की केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित “तिब्बत के लिए राष्ट्रीय समर्थन” की नीति के अनुसार तिब्बत को शिक्षा विकसित करने और विभिन्न पेशेवर प्रतिभाओं को विकसित करने में मदद करना है।

“तिब्बत को बौद्धिक सहायता देने” के लिए कई उपाय अपनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, देश के भीतरी इलाके में प्रासंगिक प्रांत, शहर और स्कूल तिब्बत को समकक्ष सहायता प्रदान करते हैं। तिब्बत में पढ़ाने और काम करने के लिए शिक्षकों और अन्य पेशेवरों को भेजा जाता है। तिब्बत में सभी स्तरों और प्रकार के स्कूलों के लिए शिक्षकों और प्रशासकों को प्रशिक्षित किया जाता है। भीतरी इलाके में तिब्बती मिडिल स्कूल और तिब्बती कक्षाओं की स्थापना की जाती है।

2 अगस्त 1974 को, तिब्बत में शिक्षा के विकास का समर्थन करने के लिए, भीतरी इलाके में शांगहाई, ल्याओनिंग, च्यांगसू, हनान, हुनान, सछ्वान समेत कई प्रांतों और राज्य परिषद के विभिन्न विभागों के 389 शिक्षकों को तिब्बत में काम करने के लिए चुना गया है। उस समय तिब्बत में शिक्षा की नींव बहुत कमज़ोर थी, विशेषकर शिक्षकों की कमी थी। पहली खेप में तिब्बत की सहायता वाले इन अनुभवी 389 शिक्षकों 8 मिडिल स्कूलों में पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया था, उन्होंने शिक्षकों की समस्या को हल करने के लिए ल्हासा और अन्य स्थानों में शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज स्थापित करने में स्थानीय सरकार की सहायता की। इस दौरान उन्होंने कई मुश्किलों को दूर किया और तिब्बत के शिक्षा कार्य के विकास के लिए बड़ा योगदान दिया।

यहां बता दें कि पुराने तिब्बत में, शिक्षा प्राप्त करने वालों में से अधिकांश कुलीन वर्ग के बच्चे थे, कुल आबादी का 95 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले भू-दासों को शिक्षा का कोई अधिकार नहीं था, उस जमाने में युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में निरक्षरता दर 95 प्रतिशत से अधिक थी। मई 2021 में जारी श्वेत पत्र “तिब्बत में शांतिपूर्ण मुक्ति और समृद्ध विकास” के अनुसार, तिब्बत में शिक्षा के पिछड़ेपन को बदलने के लिए 1951 से 2020 तक देश ने शिक्षा कोष में कुल 2 खरब 23 अरब 96 करोड़ 50 लाख युआन का निवेश किया है। तिब्बत ने पूर्व स्कूली शिक्षा से हाई स्कूल तक 15 साल की मुफ्त शिक्षा नीति और विद्यार्थियों के शिक्षा लेने के 15 साल में “तीन गारंटी” (भोजन, आवास और बुनियादी पढ़ाई खर्च सहित) नीति लागू की है। इन नीतियों से खेती और पशुपालन क्षेत्रों के अनगिनत छात्रों तथा शहरों व कस्बों में गरीब घरों के छात्रों का भाग्य बदल गया है।

सन् 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद से लेकर अब तक, पिछले 72 सालों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यों ने व्यापक विकास हासिल किया है। छोटे से बड़े तक, एकल से व्यापक तक, निम्न स्तर से उच्च स्तर तक, अत्यंत पिछड़े सामंती भू-दास मठ शिक्षा से लेकर समाजवादी आधुनिक शिक्षा तक, तिब्बत में शिक्षा ने एक शानदार मोड़ हासिल किया है। यहां पूर्व स्कूली शिक्षा, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, सतत् शिक्षा और विशेष शिक्षा को शामिल करते हुए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली स्थापित की गई है। साल 2022 में, दसवीं खेप वाले 2114 कर्मचारी सहायता के लिए तिब्बत गए। तीन सालों की कार्य अवधि में “तिब्बत को बौद्धिक सहायता देना” उनके महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है।

चीन में एक कहावत है कि किसी आदमी को मछली देने से बेहतर मछली पकड़ना सिखाना है। बौद्धिक सहायता के माध्यम से, तिब्बत अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा प्राप्त कर सकता है। साथ ही, देश के भीतरी इलाके और स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयासों से तिब्बत में शिक्षा ने व्यापक विकास हासिल किया है। दोनों की संयुक्त सिंचाई के तहत तिब्बत के भविष्य के फूल स्वस्थ रूप से बढ़ेंगे, और बर्फीले पठार का कल और उज्ज्वल होगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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