एमपीएजीडी 2025 : नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में भारत की भूमिका पर चर्चा करेंगे शीर्ष भू-राजनीतिक विशेषज्ञ

एमपीएजीडी 2025 : नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में भारत की भूमिका पर चर्चा करेंगे शीर्ष भू-राजनीतिक विशेषज्ञ

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। प्रमुख भू-राजनीतिक विशेषज्ञ, नीति निर्माता, विद्वान और राजनयिक चौथे महाराणा प्रताप वार्षिक भू-राजनीति संवाद (एमपीएजीडी 2025) में भाग लेंगे। कार्यक्रम का आयोजन अगले महीने जयपुर में विदेश मंत्रालय (एमईए) और यूएसएएनएएस फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

वार्षिक कार्यक्रम 14-15 फरवरी को ‘भविष्य का निर्माण: भविष्य को आकार देना’ विषय पर आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य व्यावहारिक चर्चाओं को बढ़ावा देना और भविष्य की विश्व व्यवस्था के लिए भारत का विजन और रोडमैप प्रस्तुत करना है।

दो दिवसीय कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह मुख्य भाषण देंगे और भारत में इजरायल के राजदूत रियूवेन अजार भी दर्शकों को संबोधित करेंगे।

सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल अरविंदर लांबा, उप सेना प्रमुख और आईपीसीएस के अध्यक्ष; एंड्री कोर्टुनोव, रूसी अंतर्राष्ट्रीय मामलों परिषद के अकादमिक निदेशक; झांग वेईवेई, फुडन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, इसके चीन संस्थान के निदेशक और शंघाई में चुनकिउ संस्थान में वरिष्ठ शोध फेलो; राजदूत सुजान चिनॉय, मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (एमपी-आईडीएसए) के महानिदेशक और जापान में पूर्व राजदूत; राजदूत डी.बी. वेंकटेश वर्मा, रूसी संघ में भारत के पूर्व राजदूत और वीआईएफ में प्रतिष्ठित फेलो मौजूद रहेंगे।

उदयपुर स्थित सुरक्षा और विदेश नीति थिंक टैंक, यूएसएएनएएस फाउंडेशन के निदेशक, संस्थापक और सीईओ अभिनव पंड्या के अनुसार, भू-राजनीति वार्ता महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करेगी। इनमें दो मुद्दे प्रमुख हैं, पहला- बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का उदय, वैश्विक गठबंधनों, क्षेत्रीय संघर्षों और स्थिरता बनाए रखने में अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों की भूमिका को कैसे प्रभावित करेगा, दूसरा – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) युद्ध और वैश्विक सुरक्षा के भविष्य को कैसे नया रूप देगा।

–आईएएनएस

एससीएच/एमके

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