'शक्ति योजना' पर पुनर्विचार करेगी कर्नाटक सरकार : डीके शिवकुमार

'शक्ति योजना' पर पुनर्विचार करेगी कर्नाटक सरकार : डीके शिवकुमार

बेंगलुरु, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार ‘शक्ति योजना’ पर चर्चा करेगी, क्योंकि कई महिलाएं अपने टिकट के लिए चार्ज देना पसंद करती हैं।

कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की नई ऐरावत क्लब क्लास 2.0 बसों को हरी झंडी दिखाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “कई महिलाएं सोशल मीडिया और ईमेल के माध्यम से हमसे संवाद कर रही हैं कि वे अपने टिकट के लिए भुगतान करना चाहती हैं, हम इस पर चर्चा करेंगे।”

उन्होंने कहा, “लगभग 5 से 10% महिलाएं कह रही हैं कि जब वो स्वेच्छा से किराया देना चाहती हैं, तब भी कंडक्टर टिकट के लिए पैसे नहीं लेते हैं। मैं जल्द ही परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी के साथ बैठक करूंगा और इस पर चर्चा करूंगा।”

उन्होंने कहा कि केएसआरटीसी ने देश में अपना नाम बनाया है। पिछले साल इसे 112 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। इसका श्रेय इसके कर्मचारियों की कड़ी मेहनत को जाता है। जब केएसआरटीसी की शुरुआत हुई थी, तब इसके पास 120 बसें थीं। आज, इसके पास 24,282 बसें हैं। सत्ता में आने के बाद, हमने 6,200 बसें खरीदने की योजना की घोषणा की और हमने अब तक 3,400 बसें खरीदी हैं। हमने 9,000 ड्राइवरों और कंडक्टरों की भर्ती भी शुरू की है।

डीके शिवकुमार ने कहा, हमने लगभग 1000 लोगों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है। दुर्घटनाओं में मारे गए कर्मचारियों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाता है। हमारे पास पूरे देश में सबसे अच्छी प्रणाली है। केएसआरटीसी लाभ कमाने वाली फर्म नहीं है, बल्कि यह लोगों की सेवा के लिए है। केएसआरटीसी के अच्छे काम के कारण सरकार का नाम अच्छा है। निजी खिलाड़ी केएसआरटीसी को बाजार दर से सस्ते में ईंधन उपलब्ध कराने के लिए आगे आए हैं। हम सभी हितधारकों के साथ चर्चा करेंगे और इस पर आगे बढ़ेंगे। रामलिंगा रेड्डी परिवहन विभाग में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि शक्ति योजना के बारे में कोई भ्रम नहीं है। भाजपा और मीडिया भ्रम पैदा कर रहे हैं। कुछ लोग नौकरीपेशा हैं और उन्हें अपनी कंपनी से परिवहन भत्ता मिलता है, इसलिए वे सवाल करते हैं कि जब वे इसे वहन कर सकते हैं तो उन्हें इस योजना की क्या जरूरत है। हालांकि, किसी भी योजना को बंद करने की कोई योजना या प्रस्ताव नहीं है।

–आईएएनएस

एससीएच/एबीएम

E-Magazine