देश के टॉप पांच शहरों में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग की मांग 17 प्रतिशत बढ़ी

देश के टॉप पांच शहरों में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग की मांग 17 प्रतिशत बढ़ी

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश के टॉप पांच शहरों में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग की मांग में वृद्धि दर्ज हुई है।

कोलियर्स इंडिया की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल जनवरी-सितंबर के दौरान टॉप पांच शहरों में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग की लीज मांग 2.02 करोड़ वर्ग फुट रही, जो 17 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर्शाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तिमाही औसत स्थान अधिग्रहण 2021 में 57 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 2024 में 67 लाख वर्ग फुट हो गया है, जो इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग मांग में स्थिर तथा मजबूत वृद्धि का संकेत है।

ग्रेड ए स्पेस में 35 प्रतिशत की हिस्सेदारी थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों की रही। इसके बाद क्रमशः इंजीनियरिंग और एफएमसीजी सेगमेंट का स्थान रहा।

साल 2024 की पहली तीन तिमाहियों में आपूर्ति लगभग 2.2 करोड़ वर्ग फुट पर रही जो सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के दौरान, कुल लीजिंग में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी दिल्ली-एनसीआर और चेन्नई की रही।

माइक्रो मार्केट लेवल पर, मुंबई के भिवंडी में 2024 में 37 लाख वर्ग फुट लीजिंग एक्टिविटी देखी गई है। इसके बाद चेन्नई में ओरागदम और पुणे में चाकन-तालेगांव का स्थान है। दोनों में 20-20 लाख वर्ग फुट से अधिक मांग देखी गई।

कोलियर्स इंडिया के इंडस्ट्रियल एवं लॉजिस्टिक्स सेवाओं के प्रबंध निदेशक विजय गणेश ने कहा, “तीसरी तिमाही में शीर्ष पांच शहरों में लगभग 73 लाख वर्ग फुट औद्योगिक एवं वेयरहाउसिंग मांग देखी गई, जो पिछले साल की समान तिमाही से 18 प्रतिशत अधिक है।”

दिल्ली-एनसीआर ने 23 लाख वर्ग फुट लीजिंग और लगभग एक-तिहाई हिस्सेदारी के साथ लीजिंग मांग बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस क्षेत्र में मांग का नेतृत्व भापरोदा और कुलाना माइक्रो मार्केट में इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग स्पेस की बड़ी मांग ने किया।

गणेश ने बताया कि इसके अलावा, टिकाऊ और तकनीकी रूप से बेहतर सुविधाओं वाले ग्रेड ए स्थानों की बढ़ती मांग के साथ, ऐसी फर्मों द्वारा लीज पर देने की एक्टिविटी अगले कुछ वर्षों तक जारी रहने की संभावना है।

क्विक कॉमर्स प्लेयर्स के आने से प्रमुख शहरी केंद्रों में बड़े हब-गोदामों की मांग बढ़ने की संभावना है।

–आईएएनएस

एसकेटी/एकेजे

E-Magazine