50 करोड़ लोगों के आगमन को देखते हुए की जा रही कुंभ मेले की तैयारी : जयवीर सिंह

50 करोड़ लोगों के आगमन को देखते हुए की जा रही कुंभ मेले की तैयारी : जयवीर सिंह

मैनपुरी, 28 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री एवं मैनपुरी सदर से विधायक जयवीर सिंह शनिवार को गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कुंभ मेले में मालगाड़ी भरकर गांजा की खपत का जिक्र किया था।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि इस बार कुंभ की भव्य तैयारी की जा रही है, इसके लिए सभी को गौरवान्वित होना चाहिए। लेकिन ऐसे लोग, जो इसके विरुद्ध टिप्पणियां कर रहे हैं और उनकी मानसिकता को देश की जनता जानती है। सनातन को मानने वाले लोग उनके आचरण को देख रहे हैं। वो इसका नतीजा स्वयं भोगने के लिए तैयार हो जाएं।

जयवीर सिंह ने प्रयागराज कुंभ को लेकर बताया कि पिछली बार 2019 कुंभ मेले के आयोजन को देश दुनिया के लोगों ने देखा था। वो अर्धकुंभ था, उसमें करीब 25 करोड़ लोगों की आवक हुई थी। इस बार 2025 में पूर्ण कुंभ होगा, इसमें करीब 50 करोड़ लोगों के आने को ध्यान में रखकर तैयारियां की जा रही हैं। पिछले वर्ष से ही संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसा भव्य धार्मिक आयोजन धरती पर किसी भी कोने में नहीं होता, ये सिर्फ प्रयागराज की धरती पर त्रिवेणी संगम पर होता है।

यूपी में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि नवरात्र में मंदिरों में होने वाले आयोजन का खर्च संस्कृति विभाग उठाएगा, इसको लेकर सपा हमलावर है। इस पर जयवीर सिंह ने कहा कि ‘जिला पर्यटन एवं संस्कृति विभाग’ ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में शारदीय नवरात्री के नौ दिनों के दौरान सभी मंदिरों में धार्मिक आयोजन कराने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल भी इन्होंने इसको लेकर टिप्पणियां की थी और उच्च न्यायालय गए। इसको लेकर उन्होंने कई रिट डाले थे। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने माना था कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने जिन परंपराओं को मान्यता देने का काम किया है, उसमें नवरात्रि भी है। कोर्ट ने उनकी रिट को खारिज करके हम लोगों के पक्ष में फैसला सुनाया था।

मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि इससे अधिक संकीर्ण और तुष्टिकरण की राजनीति नहीं हो सकती। जो सनातन परंपराओं के आदर्श मूल्यों पर हमला करने का काम करते हैं, पिछले साल कोर्ट और जनता ने उनको खारिज किया था और इस बार भी बहुत ही धूमधाम से सभी 75 जिलों में इसका आयोजन किया जाएगा।

–आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

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