नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक स्कूल की तरक्की के लिए 11 साल के बच्चे की बलि दिये जाने की घटना सामने आई है।
जिसको लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कड़ी कारवाई की बात कही है।
उन्होंने कहा कि, हाथरस में जो घटना घटी है, वो अक्षम्य है। एनसीपीसीआर उस मामले को संज्ञान में ले चुका है। राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष से मेरी बात हुई है। हम यहां से एक टीम भेज रहे हैं, जो राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष के नेतृत्व में इस पूरी घटना की जांच करेगी। जो टीम की रिपोर्ट होगी, उसके अनुसार हम सरकार को अपनी सिफारिशें भेजेंगे। मैं यह बात स्पष्ट करना चाहूंगा कि भारत सरकार ने 2021 में एक गाइडलाइन बनाई थी। स्कूलों की जवाबदेही तय की गई थी कि बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी प्रकार की लापरवाही ना हो।
उन्होंने आगे कहा कि, इस मामले से दो दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि इस गाइडलाइन का पालन कराया जाए। कई राज्य इसमें उदासीनता बरत रहे हैं। मैं सभी राज्यों को यह कहना चाहूंगा कि वो इस गाइडलाइन को फॉलो करें। इस प्रकार के अपराधी को स्कूल खोलने की अनुमति कैसे दी गई। वह अधिकारी भी दोषी हैं, जिन्होंने लापरवाही की है। हमारे पास जैसे जांच रिपोर्ट आएगी, उसके अनुसार हम आगे कार्रवाई करेंगे।
दरअसल यूपी के हाथरस जिले के सहपऊ क्षेत्र में बच्चे की हत्या मामले में पुलिस ने घिनौनी घटना का खुलासा किया है। जानकारी के अनुसार, स्कूल की तरक्की के लिए तांत्रिक क्रिया के तहत कृतार्थ की बलि दी गई।
सहपऊ पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना रासगवां गांव स्थित एक आवासीय स्कूल डीएल पब्लिक स्कूल से संबंधित है। दूसरी कक्षा के छात्र कृतार्थ कुशवाहा (11 साल) की हत्या गला दबाकर की गई थी। छात्र का शव स्कूल प्रबंधक की कार से बरामद किया गया था। इस मामले में कई लोगों से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
–आईएएनएस
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