नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार शाम संपन्न हो गया। इसके साथ ही एबीवीपी, एनएसयूआई और लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किये हैं।
वहीं, इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन ‘छात्र युवा संघर्ष समिति’ ने शिरकत ही नहीं की। उसने चुनावों में विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही निगरानी को मुद्दा बनाया है।
संगठन से जुड़े छात्रों का मानना है कि इस चुनाव के लिए विश्वविद्यालय द्वारा समुचित निगरानी नहीं की जा रही। ऐसे ही आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली की सत्ता पर काबिज आप दिल्ली विश्वविद्यालय की इस चुनावी दौड़ से पूरी तरह बाहर रही।
चुनाव संपन्न होने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डूसू चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने वाले सभी छात्रों का धन्यवाद किया है। उसने चारों सीटों पर जीत हासिल करने का विश्वास जताया है। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि छात्रों ने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की पहली सीढ़ी में अपनी भागीदारी की है।
विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि मतदान की शुरुआत में ही एनएसयूआई के संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी ने प्रोफेसर के साथ मारपीट की। प्रोफेसरों के साथ अभद्रता की तथा बूथ कैप्चरिंग का प्रयास किया गया।
उसका कहना है कि यह दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में अंकित हो गया है। चूंकि एनएसयूआई की हार तय हो गई है, इसलिए बौखलाहट में वह लगातार झूठे आरोप लगा कर बरगलाने का प्रयास कर रही है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि मुद्दों पर आधारित चुनावों में छात्रों की ओर से एक सकारात्मक वातावरण मिला है और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने बढ़-चढ़कर मतदान में अपनी भागीदारी दिखाई। नए दौर में छात्रसंघ कैसे परिवर्तनकारी भूमिका में आ सकें, इस पर भी प्रयास करेंगे।
अभाविप के हर्ष अत्री ने कहा कि सुबह से ही लगातार छात्रों द्वारा अच्छी संख्या में दिल्ली विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक पर्व में हिस्सेदारी दिखी। यह उत्साहवर्धक था। वर्ष भर छात्रों के लिए कार्य करने के कारण इस वर्ष भी चुनावों में छात्रों का अभाविप के प्रति सकरात्मक रुझान देखने को मिला।
–आईएएनएस
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