नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। पहले सर्वाइकल पेन अधिक उम्र के लोगों को ही अपनी चपेट में लेता था, लेकिन अब यह युवाओं को भी तीव्र गति से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। खासकर दफ्तर में कुर्सी पर घंटों बैठकर काम करने वाले युवाओं के बीच यह बीमारी बड़े पैमाने पर देखने को मिल रही है। शरीर के किसी भी अंग का कोई भी दर्द पूरे शरीर को असंतुलित कर सकता है। ऐसे में सर्वाइकल पेन ने युवाओं का जीना मुहाल कर दिया है।
गर्दन में होने वाले दर्द को चिकित्सकीय भाषा में ‘सर्वाइकल पेन’ कहते हैं। घंटों बैठकर काम करने वाले लोगों में यह दर्द आमतौर पर देखा जाता है।
बात अगर इसके लक्षण की करें, तो शरीर में इसके कई लक्षण देखने को मिलते हैं। इसमें सबसे प्रमुख गर्दन में दर्द होना है। इस स्थिति में रुक-रुक कर गर्दन में दर्द होता है। कभी तेज तो कभी कम। इस वजह से कई युवाओं को अपनी दैनिक गतिविधियों को भी करने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।
सर्वाइकल पेन में गर्दन में अकड़न देखने को भी मिलती है। गर्दन की अवस्था ऐसी हो जाती है कि उसे हिलाने में भी दिक्कत होती है। कभी-कभी तो गर्दन से शुरू होने वाले वाला दर्द उंगलियों तक पहुंच जाता है। यह दर्द इतना पीड़ादायी होता है कि इसे सहना मुश्किल हो जाता है।
सर्वाइकल पेन में हाथों में कमोजरी भी शुरू हो जाती है। इस वजह से दैनिक कार्यों को करने में भी दिक्कतें होतीं हैं। इससे मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन होता है।
ये प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे लक्षण महसूस करने के बाद मरीज को तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। लेकिन, अब जरा यह जान लेते हैं कि आखिर सर्वाइकल पेन होता क्यों है?
मांसपेशियों में खिंचाव, खराब अवस्था में बैठे रहने से, लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल चलाने से, पर्याप्त नींद न लेने से सर्वाइकल पेन होता है। खासकर आईटी पेशेवरों में यह बीमारी बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है, जो लंबे समय तक सीटिंग जॉब करते हैं।
उधर, अगर इसके उपचार की बात करें, तो चिकित्सक इसके पीछे की वजह बताते हुए कहते हैं कि सबसे पहले आपको यह पता लगाना होगा कि आपको किस वजह से सर्वाइकल पेन हो रहा है, क्योंकि कई मामलों में ऐसा देखने को मिलता है कि दर्द की वजह अलग-अलग हैं। उस हिसाब से आपके लिए उपचार का मार्ग प्रशस्त होगा।
अगर खराब अवस्था में बैठने की वजह से सर्वाइकल पेन हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में मरीज को बिना देर किए अपने बैठने की अवस्था में बदलाव करना होगा। इस बात की बहुत संभावना है कि इससे मरीज को राहत मिले।
इसके अलावा, नियमित तौर पर व्यायाम करें, ताकि दर्द से निजात मिले, क्योंकि आमतौर पर शरीर के किसी भी अंग में दर्द व्यायाम के अभाव में भी देखने को मिलता है। वहीं, यह दर्द गंभीर रूप अख्तियार कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उनके सुझावों का पालन करना चाहिए।
–आईएएनएस
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