नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत ने अपनी बेहतर नीतियों के कारण सोलर एनर्जी सेक्टर में काफी सफलता प्राप्त की है और ग्लोबल साउथ को एक रास्ता दिखाया, जिस पर चलकर कई विकासशील देश सोलर एनर्जी के क्षेत्र में बढ़त हासिल कर सकते हैं। अफ्रीका 50 के सीईओ एलेन एबोबिसे ने यह बयान दिया।
नई दिल्ली में चल रहे ‘इंटरनेशनल सोलर फेस्टिवल-2024’ के साइडलाइन में मीडिया से बातचीत करते हुए एबोबिसे ने कहा कि ‘इंटरनेशनल सोलर फेस्टिवल-2024’ एडवांस सोलर पार्टनरशिप बनाने और जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। भारत ने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काफी विकास किया और ऐसा अन्य विकासशील देशों में करने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा, “अब समय आ गया है कि अफ्रीका में सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया जाए। मैं इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने एक ऐसा प्रोसेस डेवलप किया है, जिससे अफ्रीका में सोलर एनर्जी के विस्तार में तेजी लाई जा सकती है।”
भारत की ओर से सोलर एनर्जी क्षमता को पिछले 10 वर्षों में 32 गुना बढ़ाया गया है। साथ ही 2030 तक 500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
पहले इंटरनेशनल सोलर फेस्टिवल को वर्चुअल संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साफ दृष्टिकोण और सोलर एनर्जी में उल्लेखनीय वृद्धि ने भारत को रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला पहला जी-20 देश बनाया है।
उन्होंने आगे कहा, “हमारी सोलर एनर्जी क्षमता में बीते 10 वर्ष में 32 गुना का इजाफा हुआ है। यह स्पीड 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी।”
इंटरनेशनल सोलर फेस्टिवल, इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) द्वारा आयोजित किया गया है। आईएसए को 2015 में बनाया गया था। मौजूदा समय में 100 से ज्यादा देश इसके सदस्य हैं।
–आईएएनएस
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