नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। एक नए अध्ययन के अनुसार, विश्व की आधी से अधिक आबादी पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, आयरन या विटामिन सी और ई का सेवन नहीं करती है।
लैंसेट जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन, वैश्विक स्तर पर मानव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण 15 सूक्ष्म पोषक तत्वों के अपर्याप्त उपभोग का अनुमान प्रस्तुत करने वाला पहला अध्ययन है।
सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी विश्व में कुपोषण का सबसे प्रचलित प्रकार है, जिसके स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव होते हैं, जिनमें अंधापन, गर्भावस्था में खराब परिणाम और संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाना शामिल है।
अमेरिका में हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस्टोफर गोल्डन ने कहा कि दुनिया के सामने मौजूद विशाल सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती का समाधान चिकित्सकों और नीति निर्माताओं द्वारा सबसे प्रभावी आहार की पहचान करके और उन्हें सबसे कमजोर आबादी की ओर निर्देशित करके किया जा सकता है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सांता बारबरा के शोध प्रोफेसर क्रिस फ्री ने कहा, “यह अध्ययन एक बड़ा कदम है। लगभग हर देश में 34 आयु-लिंग श्रेणियों के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों के अपर्याप्त सेवन का अनुमान लगाने वाला पहला अध्ययन होने के अलावा, यह इन तकनीकों और निष्कर्षों को शिक्षाविदों और चिकित्सकों के लिए समझने योग्य भी बनाता है।”
185 देशों के बीच पोषण संबंधी आवश्यकताओं और सेवन की तुलना करने वाले अध्ययन में फोर्टिफिकेशन को छोड़कर लगभग सभी सूक्ष्म पोषक तत्वों में महत्वपूर्ण अपर्याप्तता पाई गई।
आयोडीन (वैश्विक आबादी का 68 प्रतिशत), विटामिन ई (67 प्रतिशत), कैल्शियम (66 प्रतिशत) और आयरन (65 प्रतिशत) की कमी विशेष रूप से पाई गई। आधे से ज्यादा लोगों में राइबोफ्लेविन, फोलेट और विटामिन सी और बी6 की कमी थी।
महिलाओं में आयोडीन, विटामिन बी12, आयरन और सेलेनियम का सेवन कम पाया गया। अध्ययन में पाया गया कि पुरुषों में कैल्शियम, नियासिन, थायमिन, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन ए, सी और बी6 की कमी पाई गई।
–आईएएनएस
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