दक्षिण कोरिया में भीषण गर्मी से 3,000 से ज्‍यादा लोग बीमार

दक्षिण कोरिया में भीषण गर्मी से 3,000 से ज्‍यादा लोग बीमार

सोल, 23 ​​अगस्त (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। इस वर्ष गर्मी के कारण बीमार होने वाले लोगों की संख्या 3,000 से अधिक हो गई है।

समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, कोरिया रोग नियंत्रण एवं रोकथाम एजेंसी (केडीसीए) के अनुसार सरकार ने इस वर्ष के लिए 20 मई से मामलों की निगरानी करना शुरू किया। 20 मई से अब तक गर्मी की वजह से बीमार होने वाले लोगों की संख्या 3,019 तक पहुंच गई है।

एजेंसी ने कहा कि इस साल अब तक देश में भीषण गर्मी के कारण 28 लोगों की मौत हो चुकी है।

पिछले साल के मुकाबले इस साल रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2023 में 2,818 मामले दर्ज किए गए थे। 2018 की बात करें तो उस साल मरीजों की संख्‍या 4,526 दर्ज की गई थी।

इस बीच, कोरियाई मौसम विज्ञान ने कहा है कि देश में गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा और सितंबर की शुरुआत तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।

सोल में पिछले 36 दिनों से रातें भी गर्म और उमस भरी रही हैं। लगातार 33 दिनों से हाल ऐसा ही है। यह 1907 के बाद से राजधानी में अब तक की सबसे गर्म रातें हैं।

जब शाम 6:01 बजे से अगले दिन सुबह 9 बजे तक तापमान 25 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहता है, तो वह गर्म रातों की श्रेणी में आती हैं।

कोरिया मौसम विभाग (केएमए) ने कहा है कि तिब्बत और उत्तरी प्रशांत महासागर के उच्च दबाव वाले क्षेत्रों के कारण कोरिया में गर्मी लंबे समय तक बनी रहेगी।

इस बीच, देश कोविड-19 से भी जूझ रहा है।

गुरुवार को केडीसीए ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों की संख्‍या में भी कमी आई है।

हालांकि पिछले सप्ताह कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी गई थी, मगर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्‍या में कमी देखी गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सप्ताह 220 अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों की संख्या 1,444 हो गई, जो एक सप्ताह पहले की तुलना में 5.7 प्रतिशत अधिक है।

मरीजों की संख्या में पहले सप्ताह की तुलना में दूसरे सप्ताह में 55.2 प्रतिशत (1,366 रोगी) की वृद्धि देखी गई।

केडीसीए आयुक्त जी यंग-मी ने संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ बैठक के दौरान कहा, “मौजूदा रुझान को देखते हुए, इस सप्ताह या अगले सप्ताह के बाद संक्रमण की संख्या में कमी आने की उम्मीद है।”

-आईएएनएस

एमकेएस/केआर

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