प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 7.4 करोड़ लोगों को मिली फ्री चिकित्सा

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 7.4 करोड़ लोगों को मिली फ्री चिकित्सा

नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत देश में 7.37 करोड़ लोगों का इलाज हुआ है और इसके लिए सरकार ने कुल एक लाख करोड़ रुपये की राशि खर्च की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ताजा आंकड़ों में ये जानकारी दी गई है।

यह योजना देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मध्य प्रदेश में 402.5 लाख, महाराष्ट्र में 280 लाख, कर्नाटक में 171.5 लाख, जम्मू और कश्मीर में 85.9 लाख, तेलंगाना में 82.5 लाख, तमिलनाडु में 73.6 लाख और मेघालय में 19.76 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

इस योजना के लाभार्थी वर्ष में किसी भी समय अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें नजदीकी सीएसई सेंटर या सूचीबद्ध अस्पताल जाना होगा। इसके अलावा आप आयुष्मान ऐप के माध्यम से भी कार्ड निकाल सकते हैं।

एबी-पीएमजेएवाई स्कीम का उद्देश्य देश के गरीबों परिवारों को 5 लाख रुपये तक का फ्री हेल्थ कवर उपलब्ध कराना है। सरकारी डेटा के अनुसार, इस योजना का लाभ भारत के निचले 40 प्रतिशत यानी 12.34 करोड़ परिवारों के 55 करोड़ सदस्यों को मिल रहा है।

इस योजना के तहत लाभार्थी 29,000 सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज करा सकते हैं। कैशलेस इजाल में दवाइयां, फिजिशियन फीस, रूम चार्ज, सर्जन चार्ज, ओटी और आईसीयू चार्ज आदि को कवर किया जाता है।

हेल्थ बेनिफिट पैकेज (एचबीपी) ने नए नेशनल मास्टर के तहत यह योजना सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी आदि सहित 27 चिकित्सा विशिष्टताओं में 1949 प्रक्रियाओं से संबंधित कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की है।

बजट 2024-25 में पीएम-जेएवाई स्कीम के बजट को 10 प्रतिशत बढ़ाकर 7,300 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में 6,800 करोड़ रुपये था।

वहीं, आम बजट 2024-25 में स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट को 12.96 प्रतिशत बढ़ाकर 90,958.63 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि 2023-24 में 80,517.62 करोड़ रुपये था।

बजट में हेल्थ केयर पैकेज के अलावा कैंसर की तीन दवाइयों – ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और ड्यूरवालुमैब पर निर्यात शुल्क हटा दिया गया है। इसका उद्देश्य देश में कैंसर की दवाइयों की लागत को कम करना है।

–आईएएनएस

एबीएस/एसकेपी

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