अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए वैक्सीन की खरीद जरूरी : रिपोर्ट

अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए वैक्सीन की खरीद जरूरी : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए इसकी वैक्सीन बेहद जरूरी है।

डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडाटा की रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च आय वाले देशों में 2022 में एमपॉक्स के प्रकोप को रोकने में एमपॉक्स वैक्सीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मगर वहीं अफ्रीका में अभी कोई भी वैक्सीन व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है।

अमेरिका, यूरोप और कनाडा में स्वीकृत बवेरियन नॉर्डिक एमवीए बीएन वैक्सीन (जिन्नियोस/इम्वानेक्स) दुनिया भर में अग्रणी एमपॉक्स वैक्सीन है।

इसके अलावा केएम बायोलॉजिक्स की एलसी16 वैक्सीन जापान में उपलब्ध है और एमरजेंट बायोसॉल्यूशंस का एसीएएम2000 भी अमेरिका में एमपॉक्स के लिए विनियामक समीक्षा के अधीन है।

ग्लोबलडाटा में संक्रामक रोगों की एसोसिएट डायरेक्टर फियोना चिशोल्म ने एम्पॉक्स के टीके की अधिक मात्रा में स्टॉक रखने वाले देशों से कहा कि वह उन्हें दान दें, ताकि दुनिया में इस वायरस को फैलने से रोका जा सके।

उन्होंने कहा, ”इस प्रकोप से बचने के लिए अफ्रीका सीडीसी ने अनुमान लगाया है कि उसे लगभग 10 मिलियन वैक्सीन खुराक की आवश्यकता होगी।”

आगे कहा, ”तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में यूरोपीय आयोग ने घोषणा की है कि वह अफ्रीका सीडीसी को एमवीए-बीएन वैक्सीन की 175,420 खुराकें दान करेगा, जबकि बवेरियन नॉर्डिक 40,000 खुराक दान करेगा। बवेरियन नॉर्डिक ने भी पुष्टि की है कि उसके पास 2025 के अंत तक वैक्सीन की 10 मिलियन खुराक का उत्पादन करने की क्षमता है और वह ऑर्डर प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहा है।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अफ्रीका सीडीसी ने अफ्रीका के 13 देशों में एमपॉक्स के प्रकोप की सूचना मिलने के बाद वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की।

एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मवाद से भरे घावों और बुखार जैसे लक्षण पैदा करता है। यह संक्रमित व्यक्ति, जानवर या दूषित पदार्थों के संपर्क में आने से फैल सकता है।

इस वायरल संक्रमण से पीड़ित ज्यादातर लोग कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। एमपॉक्स से सेप्सिस, निमोनिया और डिहाइड्रेशन जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं और यह जानलेवा भी हो सकता है। यह खास तौर पर कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों, जैसे कि एचआईवी से पीड़ित लोगों को अपना शिकार बनाता है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान प्रकोप मुख्य रूप से क्लेड आईबी नामक वायरस के एक नए प्रकार के कारण हो रहा है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

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