हाथरस, 8 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार हाथरस भगदड़ में जान गंवाने वालों के बच्चों का पूरी तरह ध्यान रखेगी। उन्होंने इस घटना को बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण कहा।
देवेंद्र शर्मा ने कहा कि, जब मैं सुबह यहां आया, तो अस्पताल में मुझे उस घटना से जुड़ा हुआ कोई भी बच्चा और व्यक्ति नहीं मिला। मैंने मरीजों और तीमारदारों से बातचीत में पाया है कि सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। यहां के एक गांव में दो परिवार ऐसे हैं, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों ने अपनी जान गंवाई है। दूसरे परिवार में एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई है।
उन्होंने कहा, मैंने जिला प्रोबेशन अधिकारी से कहा है कि उन बच्चों की सूची बनाई जाए, जिनके परिवार इस घटना में प्रभावित हुए हैं। ऐसे 19 परिवार हाथरस में हैंं, इनमें सात बच्चे प्रभावित हुए हैं। उन बच्चों की पढ़ाई सरकार कराएगी और ‘मुख्यमंत्री बाल सामान्य योजना’ के तहत 2500 रुपये प्रति माह प्रदान करेगी। जिन परिवारों में बेटियां हैं, वहां 18 साल तक की लड़कियों को ‘कन्या सुमंगला योजना’ के तहत भी लाभ मिलेगा। इसके तहत पढ़ने के लिए छह बार में 25 हजार रुपये दिए जाते हैं। अगर इस हादसे में कोई दिव्यांग हुआ है, तो उसको उपकरण दिए जाएंगे।
प्रभावित बच्चों की पढ़ाई पर देवेंद्र शर्मा ने कहा कि, उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा। लड़कियों को कस्तूरबा गांधी विद्यालय में रखा जाएगा। वहां निशुल्क हॉस्टल की सुविधा भी मौजूद है। हाथरस के अलावा आसपास के दूसरे जिलों के प्रभावित बच्चों को भी सभी लाभ मिलेंगे। इसके लिए मैं लखनऊ जाकर प्रोबेशन अधिकारियों को पत्र जारी करूंगा। बाल विकास से संबंधित सभी योजनाओं को लाभ बच्चों को मिलेगा।
इस हादसे में विधवा हुई महिलाओं के बारे में देवेंद्र शर्मा ने कहा, 121 परिवारों में जिन महिलाओं के पति नहीं रहे हैं, उनको हम विधवा पेंशन का हक दिलाएंगे। योग्य होने पर उनको आंगनवाड़ी या अन्य उपक्रमों में भर्ती के लिए शासन से सिफारिश की जाएगी।
–आईएएनएस
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