नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 9 जुलाई से शुरू होने वाली उनकी ऑस्ट्रिया यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक बड़ा अवसर है।
प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रियाई चांसलर की एक पोस्ट का जवाब देते हुए एक्स पर लिखा, “धन्यवाद, चांसलर कार्ल नेहमर। इस ऐतिहासिक अवसर पर ऑस्ट्रिया की यात्रा करना वास्तव में सम्मान की बात है। दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर चर्चा का इंतजार कर रहा हूं।”
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्य वो आधार हैं, जिस पर हम एक और घनिष्ठ साझेदारी का निर्माण करेंगे।”
पीएम मोदी 9 जुलाई को मास्को से ऑस्ट्रिया जाएंगे। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी।
वियना में अपने प्रवास के दौरान, पीएम मोदी ऑस्ट्रियाई राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से मुलाकात करेंगे और चांसलर नेहमर के साथ बातचीत करेंगे। दोनों नेता भारत और ऑस्ट्रिया के बिजनेस लीडर्स को भी संबोधित करेंगे।
इससे पहले, शनिवार को ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने प्रधानमंत्री की वियना की आगामी यात्रा को “विशेष सम्मान” करार देते हुए कहा था कि वह इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
एक्स पर एक पोस्ट में, ऑस्ट्रियाई चांसलर ने कहा, “यह यात्रा एक विशेष सम्मान है। यह चालीस वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है और भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के अवसर पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
उन्होंने कहा, “हमारे पास अपने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने और कई भू-राजनीतिक चुनौतियों पर निकट सहयोग के बारे में बात करने का अवसर होगा।”
पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान वियना में भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत भी करेंगे।
शुक्रवार को, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने ऑस्ट्रिया को एक “महत्वपूर्ण मध्य यूरोपीय देश” कहा। उन्होंने कहा, ऑस्ट्रिया बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों, स्टार्टअप, मीडिया और मनोरंजन में द्विपक्षीय सहयोग के लिए उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने भारत-ऑस्ट्रिया के बीच बढ़ते व्यापार और निवेश संबंधों पर भी रोशनी डाली। इसमें फरवरी 2024 में भारत-ऑस्ट्रिया स्टार्टअप ब्रिज का शुभारंभ भी शामिल है।
विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा, “हमें विश्वास है कि इस यात्रा से हमें द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों, साथ ही आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करने और हमारी साझेदारी के दायरे को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी।”
–आईएएनएस
एसकेपी/