यूपी में 95.97 लाख लोगों ने खाई फाइलेरिया रोधी दवा, बचे लोग 4 मार्च तक खाएंगे
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लखनऊ, 27 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रदेश के 14 जिलों में चले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान में 95.97 लाख लोगों ने दवा खाई। वहीं, लक्षित 1.10 करोड़ में बचे लोगों को अब मापअप राउंड के दौरान 4 मार्च तक दवा खिलाई जाएगी। अभियान की गंभीरता और सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस एमडीए राउंड में दवा खाने से इनकार करने वाले परिवारों की संख्या काफी कम देखने को मिली।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी फाइलेरिया डॉ. एके चौधरी के अनुसार, एमडीए राउंड 10 से 25 फरवरी तक प्रदेश के 14 जिलों के 45 ब्लॉक में चलाया गया, जिसमें कुल 1.10 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया। लक्ष्य के सापेक्ष 95.97 लाख लोगों को दवा खिलाई गई। प्रयागराज, लखनऊ और बरेली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तीसरे स्थान पर रहे।
उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिए एमडीए राउंड का मापअप राउंड 27 फरवरी से 4 मार्च तक चलाया जाएगा ताकि जो लोग छूट गए हैं, उन्हें भी कवर किया जा सके।
डॉ. चौधरी ने बताया कि देश-प्रदेश से वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को छूने के लिए जरूरी है कि इसी वर्ष एमडीए राउंड को खत्म किया जाए इसलिए शत-प्रतिशत लोगों तक पहुंचना जरूरी है।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों से मापअप राउंड में अति गंभीरता दिखाने के लिए और बचे प्रत्येक व्यक्ति को दवा खाने की अपील की है।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने एमडीए अभियान की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि अब सभी जिले मापअप राउंड के दौरान प्रत्येक छूटे व्यक्ति तक पहुंचें और उसे फाइलेरियारोधी दवा खिलाएं। इसके लिए अन्य विभागों का भी सहयोग लें। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि मापअप राउंड के दौरान मॉनिटरिंग प्रक्रिया को मजबूत करें और शत-प्रतिशत आच्छादन के लक्ष्य को प्राप्त करें। उन्होंने जनसामान्य से भी सहयोग की अपील की है, जिससे 2027 तक प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त किया जा सके।
फाइलेरिया के लक्षण –
बुखार, दर्द तथा प्रभावित शरीर के हिस्से में सूजन।
अंगों, जननांगों या स्तनों में सूजन।
व्यक्ति को प्रभावित क्षेत्र में असुविधा या दर्द का अनुभव।
–आईएएनएस
एसके/एबीएम