देश के नए सैन्य अधिकारी सीमा की रक्षा को तैयार हैं। उत्तराखंड के देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना को 355 युवा अधिकारी मिले। इसके अलावा मित्र देशों के 39 कैडेट भी अकादमी से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बने हैं।
सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार ने बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी ली। इस बार भी परेड में उत्तराखंड का रुतबा कायम रहा। पासिंग आउट कोर्स के लिए मिलने वाले पुरस्कारों में तीन उत्तराखंड के कैडेट के नाम रहे। वहीं, बिहार ओटीए में भी पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना व असम रायफल्स को मिले 118 अधिकारी मिले।
चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वॉयर पर हुई पासिंग आउट परेड
पासिंग आउट परेड भारतीय सैन्य अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वॉयर पर हुई। सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते हुए परेड के लिए पहुंचे। कैडेट ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया। निरीक्षण अधिकारी ने इस दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट को सम्मानित किया।
आसमान से हेलीकॉप्टरों के जरिये पुष्प वर्षा हुई
युवा सैन्य अधिकारी जब अंतिम पग भर रहे थे तो आसमान से हेलीकॉप्टरों के जरिये उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। पास आउट बैच में शामिल देश-विदेश के 394 कैडेट परेड के बाद पीपिंग व ओथ सेरेमनी का हिस्सा बने, फिर अकादमी के निजाम पवेलियन में कसम परेड के बाद पहला कदम पार कर सैन्य अधिकारी बन गए। इनमें 355 युवा अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले।
तकनीकी प्रगति के दौर में बदला लड़ाई का परिदृश्य
नव सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेंद्र कुमार ने कहा कि प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, साइबर, सूचना क्षेत्र और पारंपरिक उपकरणों की क्षमता में प्रगति से युद्ध का परिदृश्य निरंतर बदल रहा है। यह अधिक जटिल, संघर्षपूर्ण और घातक है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। यह कहावत भी याद रखें कि मशीन के पीछे का व्यक्ति ही सबसे अधिक मायने रखता है। शारीरिक फिटनेस, मानसिक चपलता, तार्किक सोच, तकनीकी कौशल और खुद को परिस्थिति के अनुसार ढालने की क्षमता ही आपकी सफलता तय करेगी।
देश के लिए महत्वपूर्ण और गर्व का अवसर
उन्होंने कहा कि यह वास्तव में देश के लिए महत्वपूर्ण और गर्व का अवसर है कि 355 कैडेट अधिकारी के रूप में हमारी गौरवशाली सेना का हिस्सा बन रहे हैं। मैं सेना की तरफ से उनका स्वागत करता हूं। मित्र देशों के 39 कैडेट को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि वह अपने देश को गौरवान्वित करेंगे।
इन्हें मिला पुरस्कार
स्वार्ड ऑफ ऑनर व स्वर्ण पदक- प्रवीण सिंह, आगरा (उत्तर प्रदेश), रजत पदक मोहित कापड़ी, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), रजत पदक टीजी- विनय भंडारी, पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड), कांस्य पदक- शौर्य भट्ट, पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर- कोहिमा कंपनी – सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट- मोहम्मद नूर कुतुब-उल-आलम (बांग्लादेश)
भारतीय सेना व असम रायफल्स को मिले 118 अधिकारी
बिहार के ओटीए गया में शनिवार को रजत जयंती पासिंग आउट परेड के साथ ही भारतीय सेना को 103 और असम राइफल्स को 15 अधिकारी प्राप्त हुए। परेड का निरीक्षण उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी व कमांडेंट ले. ज. परमजीत सिंह मिन्हास ने किया। इस दौरान अन्य अधिकारी व कैडेटों के स्वजन भी मौजूद थे। उपसेना प्रमुख ले. ज. उपेन्द्र द्विवेदी ने युवा सैन्य अधिकारियों से सेना के मूल्यों, परंपराओं और लोकाचार को बनाए रखने का आह्वान किया।
विजेताओं को मिला पदक व सम्मान
स्वार्ड ऑफ आनर व स्वर्ण पदक- डी. सुभाष
रजत पदक- शुभम सिंह तंवर
कांस्य पदक- पंकज शर्मा