मैकेफी का नया एआई-आधारित उत्पाद वास्तविक समय में घोटालों का पता लगाकर उन्हें रोकेगा

मैकेफी का नया एआई-आधारित उत्पाद वास्तविक समय में घोटालों का पता लगाकर उन्हें रोकेगा

नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। अग्रणी एंटीवायरस कंपनी मैकेफी ने गुरुवार को एआई-संचालित मैकेफी स्कैम प्रोटेक्शन लॉन्च किया है। यह भारतीय उपभोक्ताओं को वास्तविक समय में घोटालों को सक्रिय रूप से पहचानने और रोकने में मदद करेगा।

मैकेफी स्कैम प्रोटेक्शन की एआई तकनीक एंड्रॉइड, आईओएस, क्रोम, सफारी, माइक्रोसॉफ्ट एज, फायरफॉक्स पर खतरनाक लिंक और कार्यों का पता लगाएगी और उनसे सुरक्षा प्रदान करेगी।

टेक्स्ट अलर्ट कार्यक्षमता वर्तमान में केवल सभी एंड्रॉइड यूजर्स के लिए उपलब्ध है, जिसमें अक्टूबर में आईओएस में सुधार आएगा।

मैकेफी स्कैम प्रोटेक्शन, मैकेफी मोबाइल सिक्योरिटी के सात दिवसीय फ्री ट्रायल के भाग के रूप में उपलब्ध है। टेस्ट अवधि के बाद इसे मासिक या वार्षिक सदस्यता के रूप में खरीदा जा सकता है।

मैकेफी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ग्रेग जॉनसन ने एक बयान में कहा कि मैकेफी स्कैम प्रोटेक्शन फर्जी ईमेल, टेक्स्ट और सोशल मीडिया लिंक को सक्रिय रूप से पहचानने और ब्लॉक करने के लिए मानव खतरे की सबसे अच्छी खुफिया जानकारी के साथ एडवांस एआई को जोड़ती है, ताकि आप अपना दिन चिंता मुक्त होकर बिता सकें।

चूंकि साइबर अपराधी इन दिनों एआई की मदद से बड़े पैमाने पर अधिक ठोस, वैयक्तिकृत घोटाले कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि उसका मैकेफी स्कैम प्रोटेक्शन उपभोक्ताओं के लिए घोटाले का सक्रिय रूप से पता लगाएगा और उसे रोकेगा।

उदाहरण के लिए, कोई डिलीवरी संदेश या बैंक अधिसूचना पाठ वास्तविक है या नहीं, मैकेफी की पेटेंट एआई तकनीक वास्तविक समय में दुर्भावनापूर्ण लिंक का पता लगाएगी और उपयोगकर्ताओं को क्लिक करने से पहले एक चेतावनी संदेश भेजकर सचेत करेगी।

यहां तक कि अगर कोई उपयोगकर्ता अनजाने में किसी दुर्भावनापूर्ण लिंक पर क्लिक करता है, तो मैकेफी स्कैम प्रोटेक्शन साइट को लोड होने से रोक देगा।

आज, साइबर अपराधी किसी हमले की सटीकता, परिष्कार और गति में सुधार करने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं, इससे असली और नकली की पहचान करना पहले से भी अधिक कठिन हो गया है।

यही कारण है कि हम सभी को अपने पक्ष में काम करने वाले सबसे एडवांस, इनोवेटिव एआई की जरूरत है, जो वास्तविक समय में सक्रिय रूप से हमारी रक्षा कर सके, इससे पहले कि हमें पता चले कि हमें निशाना बनाया गया है।

–आईएएनएस

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