मुद्रास्फीति में नरमी से व्यापक आर्थिक बुनियाद को बल मिला : आरबीआई

मुद्रास्फीति में नरमी से व्यापक आर्थिक बुनियाद को बल मिला : आरबीआई

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। आरबीआई ने गुरुवार को जारी अक्टूबर 2023 के अपने मासिक बुलेटिन में कहा है कि मुद्रास्फीति अपने जुलाई के शिखर से कम हो गई है, जिससे व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों को बढ़ावा मिला है और भारतीय रुपये में कम अस्थिरता देखी जा रही है।

अर्थव्यवस्था की स्थिति पर जारी बुलेटिन में कहा गया है कि भारत में उच्च आवृत्ति संकेतकों में व्यापक गति देखी जा सकती है। इसमें कहा गया है, “डिलीवरेजिंग और उच्च क्षमता उपयोग ने पूंजी-भारी उद्योगों को कर्षण हासिल करने में सक्षम बनाया है।”

इसके विपरीत, यह नोट किया गया कि वैश्विक विकास की गति पिछले छह महीनों की तुलना में वर्ष 2023 की पहली छमाही में तेज होने के बाद तीसरी तिमाही से मंद पड़ गई है।

बुलेटिन में कहा गया है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में कमजोर विनिर्माण गतिविधि और तंग वित्तीय स्थितियों के कारण ऐसा हुआ, जबकि कई उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं ने विकास में ‘सरप्राइज’ दर्ज किया।

इसमें आगे कहा गया, “बढ़ती पैदावार और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें वैश्विक विकास के लिए आसन्न जोखिम के रूप में उभरी हैं।”

लेख में विस्तार से बताया गया है कि “मुख्य संकेतक बताते हैं कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (एई) में श्रम बाजार की जकड़न कम हो रही है, मुद्रास्फीति के लिए समायोजित कमजोर वेतन वृद्धि से उपभोक्ता खर्च और आत्मविश्‍वास कम हो रहा है। देशों के इस समूह में विनिर्माण गतिविधि या तो स्थिर हो रही है या सिकुड़ रही है।”

क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के अनुसार, यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने तीसरी तिमाही संकुचन के साथ बंद की।

लेख में कहा गया है, “वैश्विक स्तर प, 2022 में ऐतिहासिक ऊंचाई से मुद्रास्फीति में मामूली कमी वास्तविक आय घाटे की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं है।”

–आईएएनएस

एसजीके

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