न्यूयॉर्क, 27 अगस्त (आईएएनएस)। महिलाओं के लिए कार्डियक अरेस्ट का सबसे प्रमुख लक्षण सांस लेने में तकलीफ है, जबकि पुरुषों को सीने में दर्द का अनुभव हो सकता है, एक प्रतिष्ठित भारतीय मूल के स्वास्थ्य विशेषज्ञ के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने यह खुलासा किया है।
कार्डियक अरेस्ट विशेषज्ञ सुमीत चुघ के नेतृत्व में लॉस एंजिल्स में सीडर्स-सिनाई मेडिकल सेंटर के स्मिड्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्ययन में पाया गया कि 50 प्रतिशत व्यक्तियों ने कार्डियक अरेस्ट से पहले चेतावनी के संकेतों का अनुभव किया।
पीयर-रिव्यू जर्नल लैंसेट डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, चुघ के नेतृत्व वाली टीम को पता चला कि यह चेतावनी लक्षण पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए अलग था।
दोनों लिंगों के छोटे उपसमूहों ने धड़कन, दौरे जैसी गतिविधि और फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव किया।
चुग ने कहा, “कार्डियक अरेस्ट से पहले चेतावनी के लक्षणों काेे पहचान कर शीघ्र हस्तक्षेप और आसन्न मृत्यु को रोका जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “हमारे निष्कर्ष अचानक हृदय संबंधी मृत्यु की रोकथाम के लिए एक नए प्रतिमान को जन्म दे सकते हैं।”
इस अध्ययन के लिए, जांचकर्ताओं ने अमेरिका में दो स्थापित और चल रहे समुदाय-आधारित अध्ययनों का उपयोग किया, इनमें से प्रत्येक चुग द्वारा विकसित किया गया था।
दोनों अध्ययन सीडर-सिनाई जांचकर्ताओं को अद्वितीय, समुदाय-आधारित डेटा प्रदान करते हैं, ताकि यह स्थापित किया जा सके कि कार्डियक अरेस्ट की सबसे अच्छी भविष्यवाणी कैसे की जाए।
चुघ ने कहा, “इस काम को करने के लिए एक गांव की जरूरत होती है। हमने 22 साल पहले एसयूडीएस अध्ययन और आठ साल पहले प्रेस्टो अध्ययन शुरू किया था। इन समूहों ने रास्ते में अमूल्य सबक प्रदान किए हैं।”
दोनों अध्ययनों में, स्मिड्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के जांचकर्ताओं ने अचानक कार्डियक अरेस्ट से पहले व्य लक्षणों के सेट की व्यापकता का मूल्यांकन किया, फिर इन निष्कर्षों की तुलना उन नियंत्रण समूहों से की, जिन्होंने आपातकालीन चिकित्सा देखभाल की भी मांग की थी।
चुग ने कहा, “आगे हम अचानक कार्डियक अरेस्ट की बेहतर भविष्यवाणी के लिए इन प्रमुख लिंग-विशिष्ट चेतावनी लक्षणों को अतिरिक्त सुविधाओं जैसे नैदानिक प्रोफाइल और बायोमेट्रिक उपायों के साथ पूरक करेंगे।”
–आईएएनएस
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