नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय एडटेक क्षेत्र में कुल फंडिंग में 2022 की समान अवधि की तुलना में इस साल 48 प्रतिशत और 2021 में इसी अवधि की तुलना में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
इस वर्ष (7 अगस्त तक) 10 करोड़ डॉलर से अधिक का केवल एक फंडिंग राउंड हुआ।
एक प्रमुख मार्केट इंटेलिजेंस कंपनी ट्रैक्सन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, घरेलू एडटेक स्टार्टअप्स में अब तक की अधिकांश फंडिंग दूसरी तिमाही में 71.3 करोड़ डॉलर की हुई है, जो इस साल जुटाई गई कुल फंडिंग का 73.4 प्रतिशत है।
एडटेक बाजार को ऑनलाइन शिक्षा की घटती मांग, चल रही फंडिंग की कमी, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से बढ़ती ब्याज दरों और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
फंडिंग राउंड की संख्या में 2022 और 2021 की इसी अवधि की तुलना में 2023 में क्रमशः 77 प्रतिशत और 82 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
इस साल अब तक 87.9 करोड़ डॉलर का लेट-स्टेज निवेश दर्ज किया गया, जो कुल फंडिंग में 90 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। यह 2022 की इसी अवधि में जुटाए गए 1.14 अरब डॉलर की तुलना में 23 प्रतिशत की गिरावट है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि 2023 में अब तक 7.57 करोड़ के प्रारंभिक चरण का निवेश दर्ज किया गया था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में जुटाए गए 61.8 करोड़ डॉलर से 88 प्रतिशत कम है।
इस वर्ष इस क्षेत्र में कोई नया यूनिकॉर्न नहीं उभरा, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में दो नये यूनिकॉर्न बने थे।
शहरों में, बेंगलुरु अब तक जुटाई गई कुल धनराशि के मामले में सबसे आगे है, उसके बाद क्रमशः मुंबई और गुरुग्राम हैं।
पिछले दो वर्षों में, वी फाउंडर सर्कल, पीक एक्सवी पार्टनर्स और एमएमपीएल ट्रस्ट इस क्षेत्र में सबसे सक्रिय निवेशक थे। वी फाउंडर सर्कल, आईपीवी और लेट्सवेंचर शीर्ष संस्थापक निवेशक थे, जबकि पीक एक्सवी पार्टनर्स, बेटर कैपिटल और एंजेललिस्ट शीर्ष शुरुआती चरण के निवेशक थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएमपीएल ट्रस्ट, वेस्टब्रिज कैपिटल और द चान जुकरबर्ग इनिशिएटिव अंतिम चरण के शीर्ष निवेशक थे।
–आईएएनएस
एकेजे