बिंग, आईमैसेज को यूरोपीय संघ की 'गेटकीपर' लिस्ट का हिस्सा नहीं बनाना चाहते माइक्रोसॉफ्ट व एप्पल

बिंग, आईमैसेज को यूरोपीय संघ की 'गेटकीपर' लिस्ट का हिस्सा नहीं बनाना चाहते माइक्रोसॉफ्ट व एप्पल

लंदन, 5 सितंबर (आईएएनएस)। यूरोपीय आयोग 6 सितंबर को नए डिजिटल मार्केट एक्ट (डीएमए) के हिस्से के रूप में नामित “गेटकीपर्स” की एक लिस्ट प्रकाशित करने की तैयारी कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल कथित तौर पर बिंग और आईमैसेज को लिस्ट से दूर रखने पर जोर दे रहे हैं।

एक बार जब यूरोपीय संघ अपने गेटकीपर्स को नामित कर देता है, तो उनके पास डीएमए के नियमों का पालन करने के लिए छह महीने या मार्च 2024 तक का समय होगा।

द फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल निजी तौर पर यह तर्क दे रहे हैं कि उनकी सेवाएं इतनी बड़ी या शक्तिशाली नहीं हैं कि डिजिटल बाज़ार अधिनियम के प्रतिबंधों को उचित ठहरा सकें।

माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज प्लेटफॉर्म गेटकीपर की परिभाषा को पूरा करता है।

हालांकि, इसका तर्क है कि ग्लोबल सर्च मार्केट में बिंग की अपेक्षाकृत छोटी हिस्सेदारी (गूगल की तुलना में) नए नियमों के साथ और भी कम हो सकती है।

कथित तौर पर एप्पल उन तरीकों पर भी काम कर रहा है जो आईओएस को थर्ड पार्टी ऐप स्टोर के लिए खोलेंगे और नए नियमों का पालन करने के लिए साइडलोडिंग करेंगे। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, टेक दिग्गज का तर्क है कि आईमैसेज को अन्य मैसेजिंग सेवाओं के साथ इंटरऑपरेट नहीं करना चाहिए।

एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, अल्फाबेट, मेटा, बाइटडांस और सैमसंग के साथ, यूरोपीय संघ “गेटकीपर्स” लिस्ट का हिस्सा होंगे और यह निर्धारित करेंगे कि किन प्रोडक्ट को डीएमए के तहत कवर किया जाना चाहिए।

डीएमए “गेटकीपर्स” की पहचान करने के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित उद्देश्य मानदंडों का एक सेट स्थापित करता है।

गेटकीपर बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं जो तथाकथित कोर प्लेटफॉर्म सर्विस प्रदान करते हैं, जैसे उदाहरण के लिए ऑनलाइन सर्च इंजन, ऐप स्टोर, मैसेंजर सर्विस।

डीएमए सबसे बड़ी डिजिटल कंपनियों की गेटकीपर पावर को व्यापक रूप से विनियमित करने वाले पहले नियामक उपकरणों में से एक है।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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