पल्लवी जोशी 'द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' पर बोलीं : दिल दुखाने वाला था इंटरव्‍यू को देखना

पल्लवी जोशी 'द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' पर बोलीं : दिल दुखाने वाला था इंटरव्‍यू को देखना

नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। निर्माता पल्लवी जोशी अपने पति और फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री के साथ ‘द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड’ नामक एक आंखें खोलने वाली और रोंगटे खड़े कर देने वाली सीरीज लाने के लिए तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि यह सरीज वास्तविक जीवन के किस्सों से बुनी गई है। इस शो के लिए उन सभी साक्षात्कारों को दोबारा देखना न केवल “दिल दुखाने वाला” था, बल्कि “मुश्किल” भी था।

2022 में फिल्म निर्माता जोड़ी ने अपनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज की थी, जो 1990 में कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर केंद्रित थी। विवेक द्वारा निर्देशित, इसमें मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, दर्शन कुमार और पल्लवी ने अभिनय किया है।

अब, उनकी आने वाली सीरीज ‘द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड’ ऐतिहासिक, जातीय और भू-राजनीतिक विवरणों पर प्रकाश डालती है, जिसमें उन घटनाओं, गलतियों, अपराधों और परिस्थितियों का वर्णन किया गया है, जिनके कारण 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों का नरसंहार और बड़े पैमाने पर पलायन हुआ था।

यह कथा इतिहासकारों, विशेषज्ञों, वास्तविक जीवन के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ बातचीत के माध्यम से पकड़ी गई है। यह सीधे तौर पर कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के पीछे की अप्रमाणित वास्तविकताओं, तथ्यों और सच्चाई को उजागर करता है।

सीरीज के निर्माण पर पल्लवी ने साझा किया : “अगर हम ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में बात कर रहे हैं, तो इस पर फिल्म बनाना एक कठिन विषय था। हमने फिल्म के लिए शोध और इसकी शूटिंग के दौरान पूरे दर्द और दुःख को झेला और जब हमने सोचा कि हम इससे बाहर आ जाएंगे, तो हमें एहसास हुआ कि हमारे पास देने के लिए एक डॉक्यूमेंट्री-सीरीज़ है।”

उसने साझा किया, “उस संपादन कक्ष में वापस बैठना और उन सभी साक्षात्कारों को दोबारा देखना न केवल दिल दहला देने वाला था, बल्कि इतना कठिन भी था। जो लोग साक्षात्कार देख रहे थे उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला है, लेकिन दूसरी बार जब वे देख रहे थे, तो उन्हें पता था सब कुछ और फिर भी उन्हें वहां बैठना पड़ा और वे कटौती करनी पड़ी, उन साक्षात्कारों को उठाना पड़ा। यह एक बहुत ही कठिन शो था।”

पल्लवी ने कहा, “यह फिल्म मुसलमानों को नहीं, बल्कि आतंकवाद को निशाना बनाती है और भारत में सही दिमाग रखने वाला कौन इंसान आतंकवाद का समर्थन करेगा?”

उन्होंने साझा किया, “अगर फिल्म मुसलमानों के खिलाफ होती तो हम फिल्म का पहला दृश्य नहीं दिखाते, जहां यह छोटा सा अब्दुल छोटे शिवा की मदद कर रहा है और वही अब्दुल बड़ा होने पर अपने दोस्त शिवा को याद करता है और जब कृष्णा उससे मिलने वापस आता है। हमने यह भी उल्लेख किया है कि नरसंहार के दौरान केवल कश्मीरी पंडित ही नहीं मारे गए, बल्कि बौद्ध, कृष्णन, मुस्लिम, जिसने भी आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई, उसे मार दिया गया।”

पल्लवी ने दोहराया कि फिल्म कश्मीरी पंडितों, उनके नरसंहार और अपनी मातृभूमि से उनके विस्थापन की कहानी है। उन्‍होंने कहा, “हमने फिल्म में इसका उल्लेख किया है, इसलिए मुझे समझ में नहीं आता कि इस फिल्म के मुस्लिम विरोधी होने के बारे में इतना हंगामा क्यों हुआ। ऐसा निश्चित रूप से नहीं था।”

उन्होंने कहा : “हम सभी भारतीय हैं, और इसीलिए मैं भारत की कहानियां बताना चाहती हूं। फिल्म को नीचा दिखाने और विवेक के नाम पर धब्बा लगाने के लिए हिंदू-मुस्लिम कथा का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं है।”

विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी की आईएमबुद्धा एंटरटेनमेंट और मीडिया एलएलपी द्वारा निर्मित सात भाग की सीरीज का प्रीमियर 11 अगस्त को जी5 पर होगा।

–आईएएनएस

एसजीके

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