धनलक्ष्मी बैंक के निदेशक ने बोर्ड पर अनैतिक आचरण समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया

धनलक्ष्मी बैंक के निदेशक ने बोर्ड पर अनैतिक आचरण समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया

 चेन्नई, 18 सितंबर (आईएएनएस)। धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड के निदेशक श्रीधर कल्याणसुंदरम ने बोर्ड पर अनैतिक आचरण, सत्ता का एकतरफा अहंकार, मुद्दों की कम समझ और गुटबाजी का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

उनका इस्तीफा 30 सितंबर को होने वाली बैंक की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले आया है।

कल्याणसुंदरम ने 16 सितंबर को अपने त्यागपत्र में बोर्ड और अधिकारियों पर ऋण के लिए एकमुश्त निपटान (ओटीएस) योजना के संबंध में बैंकिंग व्यवसाय के अनैतिक आचरण का आरोप लगाया।

कल्याणसुंदरम ने लिखा है, “हालांकि ओटीएस योजना को बड़े पैमाने पर बैंकिंग क्षेत्र द्वारा बड़ी सफलता के साथ उपयोग किया गया है – एनपीए की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए – इसका उपयोग वहां भी देखा गया है, जहां इसका बैंक की एनपीए स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।“

उन्होंने कहा, “एक क्लासिक मामला कोलकाता के जालान होटल्स के हालिया ओटीएस का है, जहां ओटीएस का इस्तेमाल एक गारंटर को रिहा करने के लिए किया गया था – यहां तक ​​कि मूल देनदार को बैंकों और उधारदाताओं के संघ द्वारा मंजूरी दे दी गई थी।“

उन्होंने आरोप लगाया, “मेरे द्वारा बोर्ड को भारी छूट वाले ऑफर (35 करोड़ रुपये के कथित बाजार मूल्य के मुकाबले 5.25 करोड़ रुपये) की सलाह देने के बावजूद मुझे 6 के मुकाबले 1 वोट दिया गया और आश्चर्यजनक रूप से नियामकों द्वारा नियुक्त अतिरिक्त निदेशकों में से एक ने भी लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया।”

त्यागपत्र में लिखा है, “ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां दिए गए इनपुट के महत्व के बावजूद मेरे इनपुट को बोर्ड के अन्य सदस्यों द्वारा जानबूझकर अस्वीकार/ टाला/अस्वीकार कर दिया गया है, सिर्फ एमडी और सीईओ के आक्रामक रवैये का समर्थन करने के लिए – जो सार्वजनिक रिकॉर्ड पर है ( स्थानीय प्रेस में) कि वह शेयरधारकों और निदेशकों की बहुत कम परवाह करते हैं। मैं अकेला या यहां तक कि पहला निदेशक नहीं हूं, जिसे अपनी बात नहीं मानने के लिए उनके क्रोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई लोग इस बोर्ड को आवश्यक संरचना के साथ कानूनी रूप से असंगत बनाकर चले गए थे।”

कल्याणसुंदरम ने यह भी कहा है कि अधिकारियों ने बैंक के प्रस्तावित राइट्स इश्यू के लिए इश्यू मैनेजर के साथ समझौते के संबंध में 81 प्रश्‍न उठाने के लिए उन्हें बोर्ड से बर्खास्त करने की धमकी दी थी।

केरल स्थित निजी बैंक के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच.वेंकटचलम ने आईएएनएस से कहा, “हम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से केवल इस्‍तीफा स्वीकार करने के बजाय सभी गंभीर आरोपों की जांच करने की मांग करते हैं।”

–आईएएनएस

एसजीके

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