डॉ. बीआर अंबेडकर का मानना था कि साक्षरता शोषण से मुक्त होने का एक तरीका है : अथर्व कर्वे

डॉ. बीआर अंबेडकर का मानना था कि साक्षरता शोषण से मुक्त होने का एक तरीका है : अथर्व कर्वे

नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। देशभर में 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाया जाएगा। इस अवसर पर एक्टर अथर्व कर्वे ने कहा कि साक्षरता व्यक्तिगत सशक्तिकरण और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अथर्व शो ‘एक महानायक डॉ. बीआर अंबेडकर’ में युवा भीमराव का किरदार निभाते हैं। साक्षरता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाया जाता है।

अथर्व ने साझा किया, ”साक्षरता व्यक्तिगत सशक्तिकरण और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। डॉ. बीआर अंबेडकर ने सामाजिक प्रगति और व्यक्तिगत सशक्तिकरण के लिए साक्षरता के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना था कि साक्षरता उत्पीड़ित समुदायों के उत्थान और उन्हें अपने अधिकारों को समझने और दमन के खिलाफ लड़ने में सक्षम बनाने का एक साधन है।”

अथर्व ने कहा, ”बाबासाहेब के लिए, साक्षरता अज्ञानता और शोषण के चक्र से मुक्त होने का एक तरीका था, जो अंततः एक अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज की ओर ले जाता था। उन्होंने शैक्षिक सुधारों की वकालत की जो जाति या सामाजिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना सभी को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, ”बाबासाहेब भारत में जाति-आधारित भेदभाव और असमानता की जंजीरों को तोड़ने के लिए शिक्षा और साक्षरता को आवश्यक उपकरण के रूप में देखते थे। उन्होंने निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की वकालत की ताकि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पूरी तरह से भाग ले सकें और समाज में अपना उचित स्थान सुरक्षित कर सकें।”

‘एक महानायक डॉ. बी.आर. आंबेडकर’ का निर्माण सोबो फिल्म्स द्वारा किया गया है। 2021 में, अथर्व को युवा अंबेडकर के रूप में पेश किया गया।

शो में प्रसाद जावड़े, नारायणी महेश वर्ने और नेहा जोशी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

यह एंड टीवी पर प्रसारित होता है।

–आईएएनएस

पीके

E-Magazine