वाराणसी, 5 अगस्त (आईएएनएस)। इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वाराणसी में एक बार हलचल फिर शुरू हो गई है। शुक्रवार के बाद शनिवार को एक बार फिर एएसआई की टीम सर्वे के लिए पहुंची।
इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी के दूसरे दिन का सर्वे शुरू कर दिया है। टीम सुबह करीब आठ बजे ज्ञानवापी पहुंची। सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है।
पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी ज्ञानवापी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज से मैं भी इस सर्वे में भाग लूंगा। टीम सर्वे के दौरान कई बातों का पता लगाएगी। ढांचे के नीचे क्या है और उम्र का भी पता लगाएगी। क्या ये औरंगजेब के समय का है या पहले का। इन सब बातों का पता लगाया जाएगा।
हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सर्वेक्षण आज शुरू हो गया है। सर्वेक्षण का दूसरा दिन है। हम चाहते हैं कि लोग सर्वेक्षण में सहयोग करें और इसे जल्द से जल्द पूरा करें। हम पूर्ण सहयोग और भागीदारी दिखा रहे हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आए हैं। हम चाहते हैं कि मामला जल्द सुलझ जाए।
सर्वे के दौरान मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता भी पहुंच गए हैं। बोले- देखते हैं वहां क्या होता है। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और हम पूरा सहयोग करेंगे। ज्ञानवापी में सर्वे के दूसरे दिन सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि’एक बार जब ज्ञानवापी की एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी। आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी। पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए द्वार नहीं खोले जाएंगे।’
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को एएसआई की टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी पहुंची थी। पहले दिन का सर्वे पूरा किया। इसी मामले में शुक्रवार को ही मुस्लिम पक्ष को सुप्रीमकोर्ट से बड़ा झटका लगा था। उनकी दलील खारिज कर दी गई। इसके साथ ही एएसआई सर्वे को हरी झंडी दिखा दी। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का आदेश मिलने के साथ ही ज्ञानवापी में एएसआई का सर्वे जारी है।
—आईएएनएस
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