जेजीयू के 12वें दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट जज बी.वी. नागरत्ना ने कहा, संवैधानिक संस्कृति नागरिकों को नीति निर्माताओं को जिम्मेदार ठहराने की अनुमति देती है

जेजीयू के 12वें दीक्षांत समारोह में सुप्रीम कोर्ट जज बी.वी. नागरत्ना ने कहा, संवैधानिक संस्कृति नागरिकों को नीति निर्माताओं को जिम्मेदार ठहराने की अनुमति देती है

नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी का 12वां दीक्षांत समारोह और संस्थापक दिवस समारोह 7 अगस्त को आयोजित किया गया, जिसमें 2,700 से अधिक छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की गई।

दीक्षांत समारोह में ‘हमारी संवैधानिक संस्कृति का पोषण: एक उच्च आह्वान’ विषय पर अध्यक्षीय भाषण उच्‍चतम न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने दिया।

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने स्नातक छात्रों को बधाई दी और कहा, “जेजीयू दुनिया के अग्रणी संस्थानों के बीच उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए एक रोल मॉडल बन गया है। हमारा देश भारत सिर्फ इतिहास या भूगोल का एक टुकड़ा नहीं है। यह एक राष्ट्र है जिसमें एक अरब से अधिक लोगों के पास एक अरब से अधिक सपने हैं। इन्‍हें एक सूत्र में बांधकर रखने वाले कारकों में से एक है भारतीय संविधान – कानून के शासन के लिए प्रतिबद्ध एक कानून प्रणाली और शीर्ष पर सर्वोच्च न्यायालय के साथ अदालतों का एक संगठित पदानुक्रम। हमारी मूल लोकतांत्रिक संस्थाएं नागरिकों और सरकार के बीच महत्वपूर्ण मध्यस्थ हैं जो लोकप्रिय शासन और कानून के शासन दोनों की सेवा करती हैं।

उन्‍होंने कहा, “एक महत्वपूर्ण संस्थान जिसकी चर्चा नहीं होती है, हमारे कॉलेज और विश्वविद्यालय है, जो कानून के शासन द्वारा निर्देशित हमारे उदार लोकतंत्र के लिए अपरिहार्य हैं। विश्वविद्यालय लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें उद्देश्यपूर्ण और सचेत रूप से हमारी संवैधानिक संस्कृति के प्रबंधकों के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। संवैधानिक संस्कृति में नागरिकों के दृष्टिकोण, आकांक्षाएं तथा भावनाएं, और नागरिक मूल्य शामिल हैं जिनमें सहिष्णुता और समानता के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता शामिल है, जो मानक प्रदान करते हैं जिसके खिलाफ नागरिक नीतियों और नीति निर्माताओं को जिम्मेदार मानते हैं।”

वह 2008 से 2021 तक कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रह चुकी हैं। उन्होंने कर्नाटक में वाणिज्यिक और संवैधानिक कानून से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। वह 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन सकती हैं।

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चांसलर, नवीन जिंदल ने दीक्षांत समारोह के उद्घाटन की घोषणा की और सम्मानित सभा को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा, “आज यह एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि हम अपने स्नातक छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं। आप एक नए अध्याय की शुरुआत करेंगे, और मैं आपके सामने आपके प्रति प्रशंसा और आशा की गहन भावना के साथ खड़ा हूं, क्योंकि आप में से प्रत्येक हमारे देश और दुनिया के भाग्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं।

“पूरे फोकस के साथ किए गए काम के बाद एक सपना हमारी वास्तविकता बन जाएगा। हमारे सपनों के भारत में, हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। हमें एक ऐसी दुनिया बनाने की ज़रूरत है जहां लोग एक-दूसरे पर भरोसा करें और सुरक्षित भी महसूस करें। उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सभी को जुनून और प्रतिबद्धता के साथ निष्पक्ष और उचित तरीके से अपनी भूमिका निभाने की जरूरत है। जेजीयू की स्थापना मेरे पिता श्री ओ.पी. जिंदल को श्रद्धांजलि के रूप में की गई थी, जो एक अग्रणी उद्योगपति और एक भावुक परोपकारी थे, जिन्होंने देश के विकास के लिए कड़ी मेहनत की। उनका मानना था कि शिक्षा किसी को दिया जा सकने वाला सबसे अच्छा उपहार है।”

संस्थापक कुलपति प्रोफेसर सी. राज कुमार ने विश्वविद्यालय रिपोर्ट प्रस्तुत की और सभा का स्वागत किया। उन्‍होंने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण को पूरा करने और उच्च शिक्षा में परोपकार को बढ़ावा देने के लिए हमें श्री नवीन जिंदल जैसे प्रबुद्ध और परिवर्तनकारी व्यापारिक नेताओं की ज्‍यादा संख्‍या में आवश्यकता है। आइए हम मिलकर 2023 की कक्षा के स्नातक समारोह के गौरवपूर्ण क्षण का जश्न मनाएं और इसके साक्षी बनें।

“स्नातक होने वाले छात्रों से मैं बड़ी विनम्रता के साथ कहता हूं कि जब आप जेजीयू को छोड़ें, तो हमेशा याद रखें कि आप जो चाहते हैं उसे दूसरों की अपेक्षा अधिक कर सकते हैं। हमने हमेशा कहा है कि बहुलवादी विचार और विचारों की विविधता विश्वविद्यालय जीवन और शिक्षा का महत्‍वपूर्ण सार है। हम अपने प्रयास के एक हिस्से के रूप में इसे बढ़ावा देना जारी रखेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप इस अवसर का सर्वोत्तम उपयोग करेंगे।”

दीक्षांत समारोह को ब्रिटेन स्थित एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज (एसीयू) के मुख्य कार्यकारी और महासचिव एमबीई एफआरएसए डॉ. जोआना न्यूमैन ने भी संबोधित किया।

अपने प्रेरक भाषण में उन्होंने कहा, “ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह और संस्थापक दिवस मनाने के लिए व्यक्तिगत रूप से यहां आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है – एक ऐसा संस्थान जिसे मैं अच्छी तरह से जानती हूं और गहराई से प्रशंसा करती हूं। सुप्रीम कोर्ट की न्‍यायाधीश मानननीय न्‍यायमूर्ति बी.वी. नागरत्‍ना और ओपी जिंदल ग्‍लोबल यूनीवर्सिटी के चांसलर श्री नवीन जिंदल तथा संस्‍थापक वाइस-चांसलर प्रो. सी. राज कुमार की उपस्थिति में दीक्षांत भाषण देने का अवसर और खास है।”

उन्‍होंने कहा, “उन स्नातकों को मेरी शुभकामनाएं जो जल्द ही बाहरी दुनिया में कदम रखेंगे, और भारत के बेहतरीन उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक से वास्तव में विश्व स्तरीय शिक्षा से लैस होकर बदलाव लाएंगे। बहु-विषयी शिक्षा पर अटूट फोकस, अनुसंधान और शिक्षण में उत्कृष्टता, सामुदायिक सेवा, सामाजिक रूप से जिम्मेदार नेताओं का पोषण, और पर्यावरण तथा स्थिरता के लिए सम्मान से समर्थित संस्‍थागत उत्‍कृष्‍टता के लिए जेजीयू की खोज संस्थान को भारत और राष्ट्रमंडल भर के विश्वविद्यालयों के लिए एक रोल मॉडल बनाता है। एसीयू में हम जेजीयू के कई मूल मूल्यों को साझा करते हैं और हमें गर्व है संस्था भारत में हमारे सर्वाधिक सक्रिय सदस्यों में से एक है।”

दीक्षांत समारोह की शुरुआत एक प्रतीकात्मक शैक्षणिक जुलूस और संगीतमय प्रस्तुतियों के साथ हुई। कुलाधिपति द्वारा जेजीयू के 12 में से नौ स्कूलों और जेआईबीएस संस्थान के 2,700 से अधिक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इस मौके पर 2023 की स्नातक कक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।

धन्यवाद ज्ञापन ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर दबीरू श्रीधर पटनायक ने दिया, जिन्होंने दीक्षांत समारोह की कार्यवाही की शुरुआत भी की।

–आईएएनएस

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