छत्तीसगढ़ के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में अब बन रहा है पशुओं का आहार

छत्तीसगढ़ के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में अब बन रहा है पशुओं का आहार

रायपुर, 18 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत स्थापित किए गए ग्रामीण औद्योगिक पार्क में अब पशुओं का आहार भी बन रहा है और इससे युवाओं और महिलाओं की आमदनी भी बढ़ रही है।

प्रदेश सरकार ग्रामीण औद्योगिक पार्क के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं, महिला स्वसहायता समूहों को आर्थिक रूप से संबल बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। जिले के बालोद विकासखण्ड के बरही मे स्थापित गोवर्धन कैटल फीड यूनिट उत्पादक कार्य में निरंतर वृद्धि करते हुए सफलता के नए आयाम गढ़ रहा है।जिला प्रशासन द्वारा निगरानी के साथ सहयोग भी कर रहा है।

पशु चारे की मांग निजी डेयरी संस्थाओं और सरकारी संस्थाओं में की जा रही है। इस कार्य को करने के लिए समूह के ग्यारह सदस्यों को पशु चारा बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। सदस्यों ने अब तक चाढ़े चार लाख रुपये का लगभग 18 टन पशु आहार की बिक्री की है। समूह को इससे 35 हजार रूपए का शुद्ध लाभ मिल चुका है।

आठ सितंबर 2023 से पशु आहार बनाने का कार्य शुरू किया गया। बरही में स्थापित यह कैटल फीड यूनिट पशुओं को पौष्टिक चारा उपलब्ध कराने के साथ-साथ ग्रामीणों एवं स्व सहायता समूह के लिए आय का महत्वपूर्ण जरिया बन गया है।

इस कामधेनू कैटल फीड में सहकारी समिति के सक्रिय सदस्य अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।

समिति के सदस्य दिग्विजय सिन्हा ने बताया कि अपने गांव में स्थापित महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क से ग्रामीण महिलाओं को काम मिला है और वे अपने सपने साकार कर रही है। पशुचारे की मांग को देखते हुए डबल शिफ्ट में कार्य करते हैं। शासकीय संस्थाओं के साथ-साथ निजी संस्थाओं में डेयरी संचालकों से संपर्क कर मार्केटिंग भी की जा रही है।

बरही के नोडल अधिकारी डॉ. अभिषेक मिश्रा ने बताया कि यहाँ गोट फीड, कैटल फीड का निर्माण पोषक तत्त्वों का संतुलित मिश्रण कर बनवाया जा रहा है। भविष्य में मुर्गी फीड भी तैयार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का शुभारंभ करते वक्त कहा था कि इस योजना के कारण स्वावलंबी ग्राम स्वराज का सपना साकार होने जा रहा है, जिस स्वप्न की इच्छा बापू रखते थे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होने से प्रत्येक गांव आत्म निर्भर बन पाएगा। ऐसा होने पर आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार करने में छत्तीसगढ़ राज्य का सहयोग मिलेगा।

–आईएएनएस

एसएनपी/एसकेपी

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