नोएडा, 17 सितंबर (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अम्रपाली ड्रीम वैली फेज-2 प्रोजेक्ट पर हुए लिफ्ट हादसे की आखिर कौन जिम्मेदारी लेगा। इस पूरे हादसे से में जो सबसे बड़ी बात देखने को मिली कि एनबीसीसी और कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों ने सुरक्षा मानकों को पूरी तरीके से दरकिनार कर दिया और मजदूरों को मौत के मुंह में झोंक दिया।
बिल्डिंग में कम कर रहे मजदूरों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्होंने कई बार खराब लिफ्ट की शिकायत अपने अधिकारियों से की थी, लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा यह निकला कि 8 जिंदगियां मौत के मुंह में समा गईं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को लेकर गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा से जानकारी ली और उन्हें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी दिए। जिलाधिकारी अब लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और वह गौतम बुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर और ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरण के सीईओ के साथ सबसे पहले अस्पताल पहुंचे और उसके बाद घटनास्थल का भी उन्होंने मुआयना किया।
उसके बाद उन्होंने सभी अधिकारियों के साथ मिलकर यह आदेश दिया कि पूरे प्रोजेक्ट को सील कर दिया जाए। हां पर सुरक्षा मानकों के साथ पूरी तरीके से खिलवाड़ हो रहा है और मजदूरों की जिंदगी को जानबूझकर जोखिम में डाला जा रहा है।
जिलाधिकारी ने बताया है कि इस हादसे के बाद से एनबीसीसी की तरफ से शुक्रवार को हुई 4 मजदूरों की मौत पर 25- 25 लाख का मुआवजा देना तय किया गया था। अब शनिवार सुबह पता चला कि गंभीर रूप से घायल 5 में से 4 और मजदूरों की मौत हो गई। इस पर भी एनबीसीसी से मुआवजे की बात की जायेगी। उन्होंने बताया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी करवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक धारा 304, 308, 337, 338, 287, 34 और दंधविधि अधिनियम सेक्शन 7 में मामला दर्ज हुआ है।
एफआईआर में जीएम गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन के जीएम हरीश शर्मा, जीएम ऋषभ अरोड़ा, जीएम लवजीत, जीएम एनबीसीसी विकास, जीएम एनबीसीसी आदित्य चंद्र और मैकेनिकल इंचार्ज राहुल, अमरपाली ड्रीम वैली साइट इंचार्ज देवेंद्र शर्मा, सुनील, शैलेंद्र और अन्य अधिकारियों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है। 9 नामजद सहित अन्य अधिकारी/ कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने इस मामले में 16 लोगों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
डीएम, पुलिस कमिश्नर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की तो पता चला कि निर्माणधीन साइट पर ऊंचाई पर काम करने के बावजूद मजदूरों की सुरक्षा के लिए ना तो जाल लगाया गया था और ना ही प्राथमिक उपचार या एंबुलेंस की कोई व्यवस्था थी।
इसके अलावा बेल्ट और टोपी भी पर्याप्त मात्रा में मजदूरों को नहीं दी जाती थी। साइट पर एंबुलेंस ना होने के कारण घायलों को निजी वाहनों में जिला अस्पताल तक ले जाया गया। मजदूरों ने ये भी आरोप लगाया कि अगर मौके पर एबुलेंस होती तो कई की जान बच सकती थी। देर से अस्पताल पहुंचने के कारण ही सारी जानें गईं।
इसके साथ ही साथ यह भी जानकारी मिली कि जिस लिफ्ट से हादसा हुआ वह काफी पुराना और जर्जर था। तकनीकी खामी आने के कारण वह पहले भी कई बार खराब हो चुकी थी। इसमें सवार होने पर हादसा और जान जाने का डर सताता रहता था।
इसकी जानकारी भी परियोजना अधिकारियों को दी गई थी लेकिन श्रमिकों की बात ना तो कंस्ट्रक्शन कंपनी को और न ही एनबीसीसी के अधिकारियों ने सुनी। मजदूर का आरोप है कि अधिकारियों ने सुरक्षा उपकरणों का भी पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किया है।
ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन लिफ्ट की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का संज्ञान लेते हुए, नोएडा अथॉरिटी के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने नोएडा क्षेत्र के सभी बिल्डरों और अपार्टमेंट मालिक एसोसिएशनों को अपने भवनों में लिफ्टों का जायजा लेने और उनकी सर्विसिंग कराने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इन निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट जारी होने के 1 माह के भीतर प्रस्तुत की जानी है।
इन निर्देशों का पालन करने और निर्धारित समय अवधि के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहने वाले बिल्डरों और एओए के खिलाफ नोटिस जारी किए जाएंगे और कार्रवाई की जाएगी। यदि लिफ्टों की सर्विसिंग की कमी के कारण कोई अप्रिय घटना होती है, तो संबंधित बिल्डर/एओए को आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा में करीब 900 हाईराइज सोसाइटी हैं और वहीं करीब 3000 लो फ्लोर सोसाइटी हैं। लो फ्लोर सोसाइटी में भी कहीं ना कहीं लिफ्ट लगी हुई है। लिहाजा उनका भी इसका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी होगी ताकि लोगों को सुरक्षा ने सुनिश्चित हो सके।
हाल ही में सेक्टर 137 में लिफ्ट गिरने के बाद एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। इसके अलावा लिफ्ट में फंसने, लिफ्ट के झटके से नीचे गिरने के कई हादसे लगातार सामने आते रहते हैं।
हाई राइज सोसायटी में रहने वाले लोग लिफ्ट से आने जाने में डर रहे हैं। डर इस बात का है कि ना जाने कब कौन से लेफ्ट कितनी देर के लिए बंद हो जाए या बीच रास्ते में अटक जाए। 3 अगस्त को नोएडा के सेक्टर 137 के पारस टियरा सोसाइटी में हुए लिफ्ट हादसे में एक 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत होने के बाद लोग अब लिफ्ट को लेकर काफी ज्यादा दहशत में है।
इसके साथ ही लिफ्ट एक्ट के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है और यह मुद्दा उत्तर प्रदेश के विधानसभा में भी नोएडा और जेवर के विधायक द्वारा उठाया गया है। जिस पर ऊर्जा मंत्री ने यह आश्वासन दिया कि जल्द ही इस एक्ट को पास किया जाएगा और दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का कठोर कानून बनाया जायेगा।
हाईराइज सोसाइटियों में लिफ्ट में फंसना अब आम बात हो गई है। हर दूसरे या तीसरे दिन किसी न किसी सोसाइटी का वीडियो या खबर सुनने को मिलती है कि लिफ्ट फंसने से इतने लोग कई मिनट तक फंसे रहे। कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाल गया जिनमें बुजुर्ग और बच्चों की संख्या ज्यादा होती है।
27 जून को गाजियाबाद की गौर होम सोसाइटी की लिफ्ट में 9 लोग फंस गए थे। अचानक लिफ्ट बंद होने के चलते यह करीब 15 मिनट तक अंदर चिल्लाते रहे।
10 जुलाई को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी महागुन मंत्रा सोसाइटी में 4 महिलाएं और 2 बच्चे लिफ्ट में करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। सोसाइटी की मेंटेनेंस टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। इस घटना के बाद से लिफ्ट में सवार बच्चे काफी डरे हुए हैं, वो सीढ़ियों से आने जाने को बात कर रहे हैं।
28 जुलाई को थाना सेक्टर 63 के अंतर्गत कमलेश (29 वर्ष) कंपनी में लिफ्ट से ऊपर जा रहा था किअचानक लिफ्ट का तार टूटने के कारण लिफ्ट नीचे गिर गई। कड़ी मशक्कत के बाद उसे लिफ्ट के बाहर निकाला गया। कंपनी के कर्मचारिगणों द्वारा तत्काल उसे पास के कैलाश हॉस्पिटल ले जाया गया। उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
3 अगस्त को नोएडा के सेक्टर-137 स्थित पारस टियारा सोसाइटी में बड़ा हादसा हो गया। यहां तार टूटने से लिफ्ट सीधे 24 फ्लोर से दो से तीन फ्लोर नीचे आकर रुकी। जिससे लिफ्ट में मौजूद महिला को पैनिक अटैक आया और वो बेहोश हो गई।
जानकारी मिलने के बाद लिफ्ट को खोला गया। महिला को नजदीक के अस्पताल में लाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। महिला की उर्म करीब 72 साल के आसपास बताई जा रही है।
11 अगस्त को गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन की चार्म्स कैसल सोसायटी के डी टावर में बृहस्पतिवार को अचानक लिफ्ट खराब होने से करीब 25 मिनट तक दो बच्चे और दो बुजुर्ग फंसे रहे। इंटरकॉम काम नहीं करने पर लिफ्ट से मोबाइल पर फोन करने पर लोगों ने लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर लकड़ी की सीढ़ी लगाकर सभी को बाहर निकाला। लोगों में बिल्डर के खिलाफ गुस्सा है।
नोएडा में लिफ्ट एक्ट के जल्द लागू होने की उम्मीद अब नजर आ रही है। नोएडा के विधायक पंकज सिंह और जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया है।
विधायक पंकज सिंह ने 21 जनवरी 2023 को पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंडल की बैठक में यह मुद्दा उठाया था। उनकी ओर से 22 जनवरी को एक पत्र भी दिया गया, इसके अलावा विधानसभा को भी सूचित करते हुए लिफ्ट एक्ट लागू करने की मांग की गई थी।
–आईएएनएस
पीकेटी/एसकेपी