गूगल ने की नए 'ट्रांसपेरेंसी सेंटर' की घोषणा 

गूगल ने की नए 'ट्रांसपेरेंसी सेंटर' की घोषणा 

सैन फ्रांसिस्को, 18 अगस्त (आईएएनएस)। गूगल ने एक नए ‘ट्रांसपेरेंसी सेंटर’ की घोषणा की है, जो कंपनी की प्रोडक्ट पॉलिसी के बारे में जल्दी और आसानी से जानने के लिए एक सेंट्रल हब है।

टेक जायंट ने गुरुवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, “ट्रांसपेरेंसी सेंटर मौजूदा रिसोर्सेज और पॉलिसी को एकत्र करता है, और इसे कस्टमर्स को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो हमारी नीतियों, ‘हम उन्हें कैसे बनाते हैं और लागू करते हैं’, आदि के बारे में जानकारी प्रदान करता है।”

कंपनी ने आगे बताया कि जैसे-जैसे ऑनलाइन खतरे का लैंडस्केप बदलता है, उसकी पॉलिसी विकसित होती हैं, जिससे उसके प्लेटफार्मों पर दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलती है। चूंकि प्रोडक्ट्स का उपयोग अलग-अलग होता है, इसलिए कंपनी सभी के लिए एक सेफ और पॉजिटिव एक्सपीरियंस बनाने का लक्ष्य रखते हुए, प्रत्येक प्लेटफॉर्म के लिए अपनी पॉलिसीज बनाती है।

ट्रांसपेरेंसी सेंटर के साथ, यूजर्स गूगल की पॉलिसी डेवलपमेंट प्रोसेस के बारे में जान सकते हैं, यह अपनी पॉलिसी को कैसे लागू करते है, और प्रत्येक पॉलिसी को प्रोडक्ट और सर्विस के आधार पर देख सकते हैं।

टेक जांयट ने कहा, “हमारे कुछ सबसे महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्धांत भी देखने के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें 2018 में पहली बार लॉन्च किए गए गूगल के एआई सिद्धांत भी शामिल हैं।”

यूजर्स कंपनी की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के बैकग्राउंड के बारे में पढ़ने के लिए नए सेंट्रल हब को भी एक्सेस कर सकते हैं।

इसके अलावा, हब के पास यूजर्स को हार्मफुल कंटेंट की रिपोर्ट करने और कई सर्विस पर अपील करने के तरीके खोजने में मदद करने के लिए एक डेडिकेटेड पेज है।

कंपनी ने कहा, “हमारा अपील प्रोसेस का लक्ष्य हमारे प्रवर्तन निर्णयों के खिलाफ अपील करने वाले यूजर्स के लिए उचित प्रक्रिया, दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।”

पिछले हफ्ते, गूगल ने फुल-स्टैक वेब और मल्टीप्लेटफॉर्म एप्लीकेशन के निर्माण के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई)-सक्षम ब्राउजर-बेस्ड डेवलपमेंट एनवायरमेंट ‘प्रोजेक्ट आईडीएक्स’ लॉन्च करने की घोषणा की थी।

यह प्रोजेक्ट वर्तमान में एंगुलर, फ़्लटर, नेक्स्ट.जेएस, रिएक्ट, स्वेल्ट और वीयू जैसे फ्रेमवर्क और जावास्क्रिप्ट और डार्ट जैसी भाषाओं का समर्थन करती है, साथ ही पायथन, गो और अन्य कार्यों के लिए भी समर्थन करती है।

–आईएएनएस

पीके/एसकेपी

E-Magazine