केंद्र पर झारखंड का 35 हजार करोड़ बकाया, सरकार बोली- पैसे नहीं मिले तो केंद्रीय कंपनियों पर सर्टिफिकेट केस

केंद्र पर झारखंड का 35 हजार करोड़ बकाया, सरकार बोली- पैसे नहीं मिले तो केंद्रीय कंपनियों पर सर्टिफिकेट केस

रांची, 4 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा में शुक्रवार को विधायक प्रदीप यादव ने केंद्र के पास राज्य के करीब 35,000 करोड़ रुपए बकाए का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि बार-बार यह राशि केंद्र से मांगी जा रही है, लेकिन नहीं मिलने के कारण राज्य में विकास का काम बाधित है।

उन्होंने पूछा कि सरकार बकाया राशि वसूली के लिए क्या कोशिश कर रही है ? क्या सरकार ने पता लगाया है कि सिर्फ गैर भाजपा शासित राज्यों का ही पैसा केंद्र रोककर रखती है ?

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन को बताया कि केंद्र और केंद्रीय उपक्रमों पर राज्य के बकाया 35,000 करोड़ से अधिक राशि प्राप्त करने के लिए विभागीय प्रयास चल रहे हैं। राज्य सरकार नीति आयोग और पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में मामला उठाती रही है।

राज्य सरकार हमेशा मांग करती रही है कि माइंस के एवज में राज्य सरकार की जमीन का मुआवजा उसे दिया जाए, लेकिन केंद्र का कोयला मंत्रालय यह कहकर टालता रहा कि माइंस पर केंद्र का अधिकार है, इसलिए मुआवजे का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है। नियमानुसार सरफेस लैंड पर राज्य सरकार का और सब सरफेस लैंड पर केंद्र सरकार का अधिकार होता है।

इस लिहाज से केंद्र से राज्य सरकार मुआवजे की मांग कर सकती है। अगर इसके लिए जरूरत पड़ी, तो सीसीएल समेत माइनिंग करने वाली तमाम केंद्रीय एजेंसियों पर सर्टिफिकेट केस किया जा सकता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि अच्छी बात यह है कि ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा उठाने के बाद केंद्र सरकार ने कोयला मंत्रालय के माध्यम से राज्य सरकार को 2,532 करोड़ रुपए दिए हैं। हमें उम्मीद है कि केंद्र की ओर से बकाया भुगतान का सिलसिला जारी रहेगा

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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