किसी किताब का रूपांतरण, उसे पढ़ते समय की भावनाओं के बारे में है : विशाल भारद्वाज

किसी किताब का रूपांतरण, उसे पढ़ते समय की भावनाओं के बारे में है : विशाल भारद्वाज

मुंबई, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज ने कहा कि किसी किताब का रूपांतरण उस गहरे संबंध के बारे में है, जो उसे पढ़ते समय महसूस होता है।

विशाल भारद्वाज की नेटफ्लिक्स फिल्म ‘खुफिया’ के मूल में ‘एस्केप टू नोव्हेयर’ नॉन-फिक्शन नैरेटिव है, जिसमें विस्तार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और इसके सोर्स मटेरियल के लिए गहरा सम्मान है।

किताब को स्क्रीन रूपांतरण में लाने की रचनात्मक प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए भारद्वाज ने साझा किया, “किसी किताब को स्क्रीन पर उतारना इस बारे में नहीं है कि आप शुरू में क्या सोचते हैं, जब आप इसे पढ़ते हैं तो यह उस गहरे संबंध के बारे में है, जिसे आप महसूस करते हैं। इस प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध होना शारीरिक और भावनात्मक रूप से कठिन है, यहां तक कि विवाह से भी अधिक कठिन।”

उन्होंने आगे कहा, “‘खुफिया’ मुझे अज्ञात क्षेत्र में ले जाती है, जासूसी की खोज करती है, जो मेरे लिए एक नई शैली है। यह रचनात्मक खोज की एक रोमांचक यात्रा है, जिसने मुझे मेरी निर्देशकीय यात्रा पर एक ताज़ा और उत्साहजनक दृष्टिकोण प्रदान किया है, मेरे रचनात्मक क्षितिज का विस्तार किया है और मुझे उन तरीकों से चुनौती दी है, जिनकी मैंने उम्मीद नहीं की थी।”

विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित, तब्बू, अली फजल और वामिका गब्बी अभिनीत ‘खुफ़िया’ 5 अक्टूबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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