नोएडा, 28 अगस्त (आईएएनएस)। सुपरटेक के भ्रष्टाचार के मॉडल ट्विन टावर को एक साल पहले 28 अगस्त 2022 की दोपहर करीब 2.30 बजे ध्वस्त किया गया था। हैरानी की बात यह है कि अभी तक उसके निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी है।
इस प्रकरण में शासन की ओर से गठित एसआईटी की जांच के बाद 26 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। फिलहाल, अब ट्विन टावर की जगह विजय पथ का बोर्ड लगा हुआ है।
इस मामले में लंबी लड़ाई लड़ने वाले और सोसायटी एओए के अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने कहा कि आरोपी अफसरों के खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई होनी चाहिए थी। एक साल बीत गया, अभी तक कार्रवाई न होना दुखद है। जल्द जांच पूरी होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि जहां टि्वन टावर थे, वहां लोगों ने विजय पथ बनाया है। विजय पथ दर्शाता है कि कैसे सोसायटी के लोगों ने एकजुट होकर लंबे संघर्ष के बाद जीत हासिल की थी। एसआईटी की रिपोर्ट में सुपरटेक की ओर से नियमों के उल्लंघन का जिक्र था।
प्राधिकरण अधिकारियों ने बिल्डर को लाभ पहुंचाया। प्राधिकरण अधिकारियों को आर्थिक लाभ भी मिला। 7 सितंबर 2021 को एसआईटी की टीम ने नोएडा प्राधिकरण में नोएडा की सीईओ, एसीईओ और नियोजन विभाग के साथ बैठक की।
इस बैठक में सुपरटेक टि्वन टावर की पत्रावली प्रस्तुत की गई। 8 सितंबर को नोएडा प्राधिकरण में एनबीसीसी के साथ बैठक की गई और अगले दिन टि्वन टावर का भ्रमण किया गया।
एसआईटी की टीम ने प्राधिकरण को 9, 10, 12 और 15 सितंबर तक सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से विजिलेंस लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई थी।
इसमें तत्कालीन सीईओ मोहिंदर सिंह, एसके द्विवेदी, एसीईओ आरपी अरोड़ा, ओएसडी यशपाल सिंह, सहयुक्त नगर नियोजक ऋतुराज व्यास, नगर नियोजक एके मिश्रा, वरिष्ठ नगर नियोजक राजपाल कौशिक, मुख्यवास्तु विधि त्रिभुवन सिंह, उप महाप्रबंधक शैलेंद्र कैरे, परियोजना अभियंता बाबू राम, प्लानिंग असिस्टेंट टीएन पटेल, वीए देव पुजारी, मुख्य वास्तुविद, अनीता प्लानिंग असिस्टेंट, मुकेश गोयल, प्रवीण श्रीवास्तव, ज्ञान चंद, राजेश कुमार, विमला सिंह, विपिन गौड़, एमसी त्यागी, केके पांडे, पीएम बाथम, एसी सिंह का नाम शामिल है।
इस मामले में नोएडा प्राधिकरण से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्लानिंग मैनेजर मुकेश गोयल, नोएडा प्राधिकरण की प्लानिंग असिस्टेंट विमला सिंह, यूपीएसआईडीसी में तैनात प्लानिंग असिस्टेंट अनीता व यमुना प्राधिकरण के प्रभारी जीएम प्लानिंग ऋतुराज हैं।
इन चारों को शासन स्तर से निलंबित किया जा चुका है। शासन ने 11 अधिकारियों की जांच 23 मार्च को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी थी। लेकिन, अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने जवाब भी जांच अधिकारी को नहीं सौंपे हैं।
विजिलेंस स्तर पर भी मामले में अभी तक जांच जारी है। पिछले चार माह से विजिलेंस की टीम नोएडा नहीं आई है। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
–आईएएनएस
पीकेटी