अमेरिकी राष्ट्रपति के चीन में निवेश को प्रतिबंधित करने वाले प्रशासनिक आदेश पर हस्ताक्षर करने पर चीनी विदेश मंत्रालय की टिप्पणी

अमेरिकी राष्ट्रपति के चीन में निवेश को प्रतिबंधित करने वाले प्रशासनिक आदेश पर हस्ताक्षर करने पर चीनी विदेश मंत्रालय की टिप्पणी

बीजिंग, 10 अगस्त (आईएएनएस)। पेइचिंग समय के अनुसार, 10 अगस्त की तड़के, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विदेशी निवेश समीक्षा तंत्र की स्थापना के प्रशासनिक आदेश पर हस्ताक्षर किए।

जिसमें अमेरिकी संस्थाओं को चीन के सेमीकंडक्टर और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, क्वांटम सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्रों में निवेश करने से सीमित किया गया।

इसकी चर्चा करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 10 अगस्त को कहा कि अमेरिका चीन में निवेश पर प्रतिबंध लगाने पर जोर देता है। चीन इस पर बेहद असंतुष्ट है और कड़ा विरोध करता है। चीन ने अमेरिका के समक्ष गंभीर रूप से मामला उठाया है।

प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में अमेरिकी कंपनियों को चीन में निवेश करने से रोकता है, इसका असली मकसद चीन को उसके विकास के अधिकार से वंचित करना है। यह आर्थिक दबाव और तकनीकी बदमाशी है।

अमेरिका की कार्रवाई ने बाजार अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन किया है, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और व्यापारिक व्यवस्था को गंभीर रूप से नष्ट किया है, वैश्विक औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता को गंभीर रूप से बाधित किया है, और चीन व अमेरिका दोनों देशों के, यहां तक ​​कि दुनिया के व्यापारिक समुदाय के हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।

प्रवक्ता ने बल देते हुए कहा कि चीन ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह आर्थिक, व्यापारिक और तकनीकी मुद्दों का राजनीतिकरण बंद करे, गलत फैसले को तुरंत पलटे, चीन पर लगे निवेश प्रतिबंध हटाए और चीन-अमेरिका आर्थिक व्यापारिक सहयोग के लिए अच्छा माहौल बनाए।

प्रवक्ता के अनुसार, चीन संबंधित मुद्दे पर घनिष्ठ रूप से ध्यान देगा और अपने अधिकार व हितों की दृढ़ता के साथ रक्षा करेगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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